Robert Vadra Notice: हरियाणा के गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में जमीन सौदे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्र और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया है। शनिवार को विशेष न्यायाधीश सुशांत चंगोत्रा ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दलीलों को सुनने के बाद सभी को अगली सुनवाई से पहले कोर्ट में पक्ष रखने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
ईडी की चार्जशीट में जमीन सौदे को मनी लॉन्ड्रिंग बताया गया
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रॉबार्ट वाड्रा ने 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई जमीन को बाद में 58 करोड़ में बचा गया। ईडी के अनुसार यह रकम मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अर्जित की गई थी। कोर्ट ने ईडी को सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी मुहैया कराने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फेंसिक के जरिए की गई जिसमें विशेष लोक अभियोजक नवीन मट्टा , मोहम्मद फैजान और वकील जोहेब ने अपनी दलीलें पेश कीं।
ईडी की दलील
ईडी ने 24 जुलाई को अदालत को बताया कि यह स्पष्ट रूप से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। एजेंसी के अनुसार, आपराधिक गतिविधियों से कमाए गए धन से गुरुग्राम की ज़मीन खरीदी गई। मनी फ्लो, संपत्तियों की जानकारी और गवाहों के बयानों से यह साबित होता है कि यह लेन-देन संदिग्ध था। जांच में फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारियों का खुलासा भी हुआ। ईडी की शिकायत में कहा गया है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने 3 एकड़ ज़मीन खरीदने के दौरान झूठे दावे किए। कंपनी ने दावा किया कि 7.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि यह भुगतान वास्तव में नहीं किया गया था। स्टांप ड्यूटी से बचने के लिए बाद में फर्जी भुगतान दर्शाया गया। गवाहों के बयान से इस घोटाले की पुष्टि हुई है।
वाड्रा की कंपनी से जुड़ी संदिग्ध लेन-देन की जांच जारी
ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने आरोप लगाया कि स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के माध्यम से इस अपराध को अंजाम दिया गया, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा का 99% स्वामित्व है। चेक के जरिए ज़मीन खरीदी गई, लेकिन चेक कभी भुनाया नहीं गया। इसके बाद यही ज़मीन एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी को ऊंचे दामों में बेची गई। इस सौदे से संबंधित कुछ पहलुओं की अभी भी जांच चल रही है।एजेंसी के मुताबिक, लाइसेंस की मंजूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और जल्दबाज़ी में अनुमोदन दिया गया। ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के निदेशक सत्यानंद याजी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, जिन पर घोटाले में सहयोग का आरोप है। ईडी का दावा है कि मनी लॉन्ड्रिंग जुलाई 2025 तक चलती रही और वर्तमान में भी इसके संकेत हैं।
ईडी का दावा
ईडी ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में इस्तेमाल हुई अधिकतर कंपनियां रॉबर्ट वाड्रा के स्वामित्व में हैं। इसलिए वह न केवल प्रत्यक्ष रूप से, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी जिम्मेदार हैं। एजेंसी ने 17 जुलाई 2025 को इस मामले में 11 व्यक्तियों और संस्थाओं को आरोपी बनाया, जिनमें वाड्रा, स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी, सत्यानंद याजी और केवल सिंह विर्क शामिल हैं। गुरुग्राम जमीन सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों ने रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर कानूनी संकट में डाल दिया है। अब 28 अगस्त को होने वाली सुनवाई में सभी आरोपियों को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा, जिससे मामले में आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ होगा।
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