Rohini Acharya News: बिहार चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार में उठा कलह का तूफ़ान किसी से छिपा नहीं है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने इस विवाद के बाद परिवार के सदस्यों से पूरी तरह संबंध खत्म करने का ऐलान किया था और कई गंभीर पारिवारिक कलह के बड़े दावे किए थे। इन कड़वे दावों के कुछ दिन बीत जाने के बाद, अब रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए अपने पिता लालू यादव को याद किया है।
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सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए पिता के प्रति समर्पण
रोहिणी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर लालू यादव के साथ तीन साल पुरानी एक मार्मिक तस्वीर साझा की है। इस तस्वीर में लालू यादव हॉस्पिटल के कपड़ों में नज़र आ रहे हैं। रोहिणी ने कैप्शन में स्पष्ट किया कि यह तस्वीर उस समय की है जब उनके पिता की किडनी प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी शुरू होने वाली थी, यानी वह समय जब उन्होंने अपने पिता को अपनी किडनी दान की थी।
सर्जरी से पहले की 3 साल पुरानी तस्वीर शेयर कर हुईं भावुक

साझा की गई इस तस्वीर के साथ, रोहिणी आचार्य ने एक अत्यंत भावुक कैप्शन लिखा, जिसने उनके और पिता के रिश्ते की गहराई को दर्शाया। उन्होंने लिखा, “कर्तव्य पथ का दिन। ये 5 दिसम्बर 2022 सुबह 7:37 की फोटो है। सर्जरी शुरू होने से पहले।” रोहिणी ने बताया कि आज इस घटना को पूरे तीन साल हो चुके हैं।
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लालू के लिए बेटी का प्रेम
अपनी पोस्ट में, रोहिणी ने पिता के प्रति अपने अगाध प्रेम और समर्पण को व्यक्त करते हुए लिखा, “मेरे भगवान समान पापा को मेरी भी उम्र लग जाए।” रोहिणी आचार्य ने साल 2022 में पिता लालू यादव की जान बचाने के लिए उन्हें अपनी किडनी दान करके ‘बेटी धर्म’ का एक बड़ा उदाहरण पेश किया था, जिसके लिए उन्हें उस समय देश भर में खूब सराहना मिली थी।
बलिदान के बावजूद अपमान का दावा
हालांकि, इस बड़े बलिदान के बावजूद, समय के साथ रोहिणी और लालू परिवार के बीच दरार बढ़ती गई और 2025 तक स्थिति ऐसी बन गई कि रोहिणी ने सार्वजनिक रूप से परिवार से सारे रिश्ते खत्म करने की बात कह डाली। अलग होते समय, रोहिणी ने अपने भाई तेजस्वी यादव को भी खरी-खरी सुनाई और कई गंभीर आरोप लगाए थे।
‘गंदी किडनी’ कहे जाने और राजनीतिक फायदे के दावे से मचा था बवाल
रोहिणी का सबसे बड़ा आरोप यह था कि पिता को किडनी दान देने के बावजूद, उन्हें परिवार से सम्मान के बजाय केवल अपमान मिला। उन्होंने यह सनसनीखेज दावा किया था कि घर में उनकी दी हुई किडनी को लोगों ने ‘गंदी किडनी’ तक कह दिया था। इतना ही नहीं, उन पर यह आरोप भी लगाया गया कि उन्होंने अंग दान जैसा नेक काम भी केवल राजनीतिक फायदे के लिए किया था, जिस पर बड़ा बवाल मचा था।
रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान
इस विवाद के बाद, रोहिणी आचार्य ने सार्वजनिक रूप से एक महत्वपूर्ण बयान भी दिया था, जिसने पारिवारिक रिश्तों पर एक नई बहस छेड़ दी थी।उन्होंने यह बयान दिया था कि शादी के बाद बेटियों को अपने मायके की तरफ ज्यादा झुकाव नहीं रखना चाहिए। उन्होंने यह नसीहत भी दी थी कि अगर पिता जैसे किसी प्रियजन को किडनी या किसी अन्य अंग दान जैसी जरूरत पड़े, तो घर के बेटों को आगे आना चाहिए, न कि बेटियों को। रोहिणी का यह बयान पारिवारिक मतभेद और किडनी दान के विवाद के बीच तेजस्वी यादव पर एक सार्वजनिक तंज के रूप में देखा गया था, जिसने इस पूरे विवाद को और अधिक गहरा बना दिया।
