RSF Sudan Attack : सूडान के एल फशर में RSF का हमला, 7 बच्चों और गर्भवती महिला समेत 31 नागरिकों की मौत

Chandan Das
Suda

RSF Sudan Attack : पश्चिमी सूडान के अशांत शहर एल फशर में अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के हमले में कम से कम 31 नागरिकों की मौत हो गई है। मृतकों में 7 बच्चे और एक गर्भवती महिला शामिल हैं। सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने इस हमले को एक “जघन्य अपराध” करार देते हुए कहा कि अबू शौक विस्थापन शिविर को जानबूझकर निशाना बनाया गया।

एल फशर में मानवीय संकट गहराया

स्वयंसेवी संगठनों ने चेतावनी दी है कि एल फशर पर जारी RSF की घेराबंदी के चलते शहर में दवाइयों, चिकित्सा कर्मियों और खाद्य आपूर्ति की भारी कमी हो गई है। इस स्थिति में हजारों विस्थापित महिलाओं और बच्चों को धीरे-धीरे मौत का सामना करना पड़ रहा है। सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने यह संकट एक मानवीय आपदा बताया है।

शिविर के उत्तरी हिस्से पर भारी गोलाबारी, 13 घायल

अबू शौक आपातकालीन कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को शिविर के उत्तरी हिस्से में भीषण गोलाबारी हुई, जिसमें 30 से अधिक लोगों की जान गई और 13 अन्य घायल हो गए। हमले ने शिविर में दहशत फैला दी और लोगों को फिर से पलायन के लिए मजबूर कर दिया।

सुबह से दोपहर तक चला RSF का हमला

एल फशर प्रतिरोध समितियों के समन्वय नामक एक स्थानीय समूह ने जानकारी दी कि RSF का हमला सुबह के समय शुरू हुआ और दोपहर तक जारी रहा। इस दौरान भारी हथियारों का उपयोग किया गया, जिससे घरों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा और नए सिरे से विस्थापन की स्थिति उत्पन्न हो गई।

RSF की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले को लेकर अब तक RSF की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले को लेकर चिंता जताई जा रही है, लेकिन हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

अप्रैल 2023 से जारी है सत्ता संघर्ष

सूडान में हिंसा की शुरुआत अप्रैल 2023 में सूडानी सशस्त्र बलों और RSF के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष से हुई थी। इस टकराव ने देश के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है और अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। लाखों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं और देश एक गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है।

एल फशर बना संघर्ष का केंद्र

उत्तरी दारफुर की राजधानी एल फशर, जो दारफुर क्षेत्र का आखिरी बड़ा शहर है, संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। मई 2024 से यह शहर RSF की घेराबंदी में है, जिससे नागरिकों की स्थिति दिन-प्रतिदिन और अधिक खराब होती जा रही है।

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