RSS BJP Relations : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार, 28 अगस्त को स्पष्ट किया कि संघ और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कोई विवाद या मतभेद नहीं हैं। उन्होंने बताया कि संघ किसी भी मुद्दे पर सलाह जरूर दे सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय लेने का अधिकार भाजपा का ही होता है। संघ के शीर्ष नेता ने कहा कि संघ का BJP के साथ हमेशा से सकारात्मक संबंध रहा है और किसी भी तरह के टकराव की बात गलतफहमी पर आधारित है।
सरकार से संघ का मजबूत तालमेल
भागवत ने यह भी बताया कि संघ का हर सरकार, चाहे वह केंद्र हो या राज्य, के साथ अच्छा तालमेल रहता है। उन्होंने कहा, “यह वही शासन व्यवस्था है जो अंग्रेजों ने भारत में लागू की थी, जिसमें आंतरिक विरोधाभास मौजूद हैं। सुधार की जरूरत है, लेकिन जो व्यक्ति सत्ता में होता है, उसे काम करने के लिए स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे केंद्र सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो या कोई अन्य सरकार, संघ का हर स्तर पर सहयोग और तालमेल बना रहता है।
संघर्ष और झगड़े में अंतर
संघ और भाजपा के बीच मतभेद की चर्चा पर मोहन भागवत ने कहा कि कभी-कभी विचारों में संघर्ष हो सकता है, लेकिन इसे झगड़ा नहीं समझना चाहिए। उनका कहना था, “हमारा लक्ष्य एक है, वह है देश का कल्याण। इसलिए मतभेदों के बावजूद भी हम एक दूसरे के प्रति सम्मान बनाए रखते हैं और साझा उद्देश्य के लिए काम करते हैं।”
संघ की भूमिका सिर्फ सलाहकार की है, निर्णय लेने वाली नहीं
भागवत ने संघ की भूमिका पर भी साफ़ किया कि संघ कोई निर्णय लेने वाला संगठन नहीं है। उन्होंने कहा, “संघ में हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद कभी नहीं होता। यह कहना कि संघ हर चीज़ तय करता है, गलत है। मैं कई सालों से संघ चला रहा हूं, वहीं भाजपा सरकार चला रही है। इसलिए संघ केवल सलाह दे सकता है, फैसला नहीं ले सकता।” उन्होंने यह भी बताया कि अगर संघ ही सब निर्णय लेता तो इतने समय की आवश्यकता नहीं होती।
बीजेपी अध्यक्ष के चयन पर संघ की चुप्पी
बीजेपी के नए अध्यक्ष के चयन में हो रही देरी के सवाल पर मोहन भागवत ने कहा कि इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “जो भी समय लगे, लेना चाहिए। हमें इसमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है। हम सभी की मदद करते हैं, सिर्फ भाजपा की नहीं, जब वे अच्छा काम करना चाहते हैं तो।” यह संकेत माना जा रहा है कि संघ इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से बचना चाहता है।
मोहान भागवत की ये टिप्पणियां संघ और भाजपा के बीच संबंधों को लेकर चल रही अटकलों और गलतफहमियों को समाप्त करने की कोशिश हैं। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि संघ की भूमिका सलाहकार की है और भाजपा अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियां स्वतंत्र रूप से निभाती है। साथ ही, संघ मोदी सरकार के साथ सकारात्मक तालमेल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, और बीजेपी के नए अध्यक्ष के चयन में समय लेने की आवश्यकता को भी स्वीकार करता है।
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