RSS 100th Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने संघ के योगदान को सम्मानित करते हुए एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का जारी किया। आरएसएस इस वर्ष विजयदशमी से शुरू होकर 2026 की विजयदशमी तक अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।
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संघ को राष्ट्र की अनादि चेतना का पुण्य अवतार बताया
बताते चले कि, डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संघ के 100 वर्षों के इतिहास को गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने संघ को राष्ट्र की अनादि चेतना का पुण्य अवतार बताया।
महानवमी और विजयदशमी के पर्व का सांस्कृतिक महत्व
पीएम मोदी ने कहा कि समारोह के दिन महानवमी थी, जो देवी सिद्धिदात्री के समर्पित है, और अगले दिन विजयदशमी का महापर्व मनाया जाएगा। विजयदशमी अन्याय पर न्याय, असत्य पर सत्य और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना इस महान पर्व की परंपरा का ही हिस्सा है।
सरकार ने डाक टिकट और 100 रुपए का स्मृति सिक्का जारी किया
पीएम मोदी ने बताया कि संघ की 100 वर्ष की यात्रा की याद में सरकार ने एक विशेष डाक टिकट और 100 रुपए का स्मृति सिक्का जारी किया है। इस सिक्के पर राष्ट्रीय चिन्ह और भारत माता की भव्य छवि सिंह के साथ वरद मुद्रा में अंकित है, जो संघ की विचारधारा का प्रतीक है।
RSS की स्थापना और उद्देश्य
आपको बताते चले कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने महाराष्ट्र के नागपुर में की थी। यह एक स्वयंसेवक-आधारित संगठन है, जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है। शताब्दी समारोह आरएसएस की ऐतिहासिक उपलब्धियों के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक यात्रा में इसके योगदान को भी दर्शाता है।
RSS का सामाजिक और आपदा राहत में योगदान
पिछले सौ वर्षों में आरएसएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके स्वयंसेवकों ने बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों में सक्रिय भागीदारी की है। इसके अलावा, आरएसएस के सहयोगी संगठनों ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को मजबूत करने में योगदान दिया है।

