Rajasthan News: बीकानेर के नया शहर थाना क्षेत्र में आयोजित गरबा कार्यक्रम के दौरान दो समूहों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी तक पहुंच गया। इस हिंसक घटना में पुलिस के अधिकारी और कई स्थानीय लोग घायल हो गए। गरबा कार्यक्रम विधायक जेठानंद व्यास के आवास के पास आयोजित किया गया था, जहां विधायक भी खुद मौजूद थे।
Read more: Rajasthan Road Accident: चलती रोडवेज बस का टूटा एक्सल, सड़क किनारे पलटी, 25 यात्री घायल…
गरबा कार्यक्रम में विवाद और हिंसा

कार्यक्रम के दौरान अचानक दो पक्षों में बहस और विवाद शुरू हो गया, जिसने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। झगड़े के दौरान पत्थरबाजी हुई, जिससे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और आम नागरिक घायल हो गए। घायल लोगों को तुरंत प्राथमिक इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
विधायक जेठानंद व्यास ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत करने की काफी कोशिश की, लेकिन अफरातफरी और झगड़ा इतनी तेजी से बढ़ गया कि नियंत्रण करना मुश्किल हो गया।
मामले की जांच जारी
घटना के बाद बीकानेर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार-पांच लोगों को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि इस घटना के असली कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जाएगी जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
बीकानेर में गरबा कार्यक्रम के दौरान हिंसा और झगड़े कोई नई बात नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान हिंसक घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे स्थानीय लोग और विशेषज्ञ चिंतित हैं। उनका कहना है कि गरबा जैसे त्योहार अब सुरक्षित माहौल में मनाना मुश्किल होता जा रहा है।
विधायक की अपील
घटना के दौरान विधायक जेठानंद व्यास ने लोगों से शांति बनाए रखने और विवाद न फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि गरबा कार्यक्रम का मकसद केवल मनोरंजन और सामाजिक एकता बढ़ाना होना चाहिए, न कि हिंसा या विवाद। उन्होंने सभी से संयम बरतने की भी गुजारिश की।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस घटना में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, आगामी आयोजनों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पुलिसबल तैनात किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा की संभावना को रोका जा सके।
सांस्कृतिक आयोजनों में सुरक्षा की चुनौती
बीकानेर में गरबा जैसे सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान बढ़ती हिंसा ने प्रशासन और समाज दोनों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। विशेषज्ञ और समाज के लोगों का मानना है कि ऐसे आयोजनों को और अधिक सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए बेहतर योजनाएं और कड़े नियम बनाना जरूरी है। इसके बिना इन सांस्कृतिक आयोजनों का असली उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा।
इस घटना ने यह भी दिखाया है कि सार्वजनिक आयोजनों में उचित सुरक्षा और व्यवस्था की आवश्यकता कितनी अहम है, ताकि लोग बिना किसी डर के अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को निभा सकें और आनंद ले सकें।
