Rudraprayag Bus Accident: तीर्थयात्रियों का एक दल राजस्थान से चारधाम यात्रा पर निकला था। उन्होंने गंगोत्री, यमुनोत्री और बाबा केदारनाथ के दर्शन श्रद्धा भाव से पूर्ण किए। अंतिम पड़ाव बदरीनाथ धाम के लिए वे 17 जून की सुबह रुद्रप्रयाग के रैंतोली स्थित होटल से रवाना हुए थे।
सभी यात्री समय से तैयार होकर नाश्ता कर चुके थे और पूरे उत्साह के साथ भगवान बदरीनाथ के दर्शनों की आशा लेकर बस में सवार हुए थे। बस में भजन कीर्तन भी चल रहा था और यात्रियों के चेहरे पर खुशी भी साफ दिख रही थी। किसी को अंदेशा भी नहीं था कि ये यात्रा एक भयावह हादसे में बदल जाएगी।
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मातम में बदली खुशियां
रुद्रप्रयाग से बस चले अभी एक घंटा भी पूरा नहीं हुआ था कि घोलतीन के पास बस अनियंत्रित होकर सीधे अलकनंदा नदी में जा गिरी। बस में बैठे यात्री कुद समझ पाते, उससे पहले ही चीख पुकार मच गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, नौ यात्री अभी भी लापता हैं। कई यात्री किसी तरह बस से बाहर गिरकर बच गए। तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं और चार अन्य लोगों का इलाज रुद्रप्रयाग के एक अस्पताल में जारी है।
मानसिक आघात से टूटे
इस भीषण हादसे से बचे यात्रियों की हालत भी बेहद खराब है कुछ लोग तो इतने सदमे में हैं कि बोल भी नहीं पा रहे हैं। किसी ने अपने माता पिता खो दिए हैं, तो किसी ने पत्नी और रिश्तेदारों को। जो जिंदा बचे हैं उनके दिलों में अपनों को खोने का गम भी साफ नजर आ रहा है।
10 साल का पार्थ घायल हालत में भी भगवान बदरीविशाल से सवाल करता रहा, हम तो आपके दर्शन के लिए आए थे, फिर हमारे साथ ऐसा क्यों किया, वह बार बार अपनी मां और पिता को याद करता रहा जो रोज पूजा पाठ करते थे और सबकी शांति की कामना करते थे।
यात्रा में शामिल घायल विशाल सोनी हादसे के बाद से इतने डरे हुए हैं कि कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं। वे बस रोते रोते इतना ही कह सके, हम तो भक्त थे, फिर भगवान ने हमारे साथ ऐसा क्यों किया, यह कैसा न्याय है हादसे के बाद घायलों की आंखों में डर और गहरा दुख देखा जा सकता है।

