Rupee Vs Dollar: मंगलवार को इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे गिरकर 90.15 पर पहुंच गया। यह स्तर सोमवार के क्लोजिंग रेट 90.05 से कम है। शुरुआती कारोबार में ही रुपया दबाव में आ गया, जिसका मुख्य कारण कॉर्पोरेट्स, इंपोर्टर्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की डॉलर की बढ़ती मांग रही।
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निवेशकों का सतर्क रुख

फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि निवेशक फिलहाल वेट एंड वॉच मोड में हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इस हफ्ते होने वाली बैठक से पहले बाजार प्रतिभागी कोई बड़ी पोजीशन लेने से बच रहे हैं। सभी की नजर फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के रुख पर है, क्योंकि उनके बयान से वैश्विक करेंसी बाजार की दिशा तय होगी।
विशेषज्ञों की राय
CR फॉरेक्स एडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि फेड की टोन में कोई भी बदलाव करेंसी मार्केट को तेजी से प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि फेड रेट कट की उम्मीदें बढ़ रही हैं और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी लिक्विडिटी को सक्रिय रूप से मैनेज कर रहा है। इसके अलावा भारत-अमेरिका ट्रेड डील की संभावना से डॉलर कमजोर हो सकता है। पाबारी ने अनुमान जताया कि रुपया अब 89.20 से 90.30 की बड़ी रेंज में कंसोलिडेशन के दौर में सेटल हो सकता है।
डॉलर इंडेक्स और क्रूड ऑयल
इस बीच डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है, 0.04% गिरकर 99.04 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, वैश्विक ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.19% गिरकर 62.37 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था।
रुपये पर दबाव के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर घरेलू इक्विटी, एशियाई करेंसी की सुस्ती और अमेरिकी फेड मीटिंग से पहले की सावधानी ने रुपये पर दबाव बनाया है। इसके अलावा अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी का भी असर भारतीय करेंसी पर पड़ा है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स का बयान
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP के ट्रेजरी हेड और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) लगातार इक्विटी से पैसे निकाल रहे हैं। साथ ही, बुधवार से शुरू होने वाली भारत-अमेरिका ट्रेड बातचीत को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस वजह से डॉलर मजबूत स्थिति में है। हालांकि, RBI की मौजूदगी से रुपया एक छोटी रेंज में स्थिर बना हुआ है।
भारत-अमेरिका ट्रेड बातचीत
भारत और अमेरिका 10 दिसंबर से प्रस्तावित बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट के पहले चरण पर तीन दिन की बातचीत शुरू करेंगे। इस बातचीत से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
घरेलू शेयर बाजार पर असर

रुपये की कमजोरी और वैश्विक संकेतों का असर घरेलू शेयर बाजार पर भी दिखा।
सेंसेक्स 381.91 अंक गिरकर 84,720.78 पर ट्रेड कर रहा था।
निफ्टी 139.55 अंक फिसलकर 25,821.00 पर पहुंच गया।
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