Russia Ukraine Conflict : यूरोप के 26 देशों ने यूक्रेन के लिए एक नई सिक्योरिटी फोर्स बनाने का ऐलान किया है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन की सेना को मजबूत करना और उसे युद्धविराम या शांति की स्थिति में सुरक्षा गारंटी प्रदान करना है। इस नई सुरक्षा व्यवस्था में फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और जर्मनी जैसे प्रमुख देश शामिल होंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रोन ने इस पहल की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका भी इस प्रयास का समर्थन जल्द ही करेगा।
रूस ने सिक्योरिटी गारंटी पर जताई कड़ी आलोचना
रूस ने इस प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है और इसे यूरोपीय महाद्वीप के लिए खतरा बताया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के लिए यूरोपीय देशों का यह प्रस्ताव मॉस्को के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है। रूस ने साफ चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन में विदेशी सैनिक तैनात किए गए, तो उसे उकसाने की कार्रवाई माना जाएगा और रूस इसका सख्त जवाब देगा।
यूरोपीय नेताओं ने रूस की धमकियों को किया नजरअंदाज
रूस की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए, यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ सुरक्षा गारंटी पर बैठक की और इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। इस दौरान यूरोपीय नेताओं ने अमेरिका से यूक्रेन को रूस के खिलाफ सुरक्षा गारंटी दिलवाने की मांग की। हालांकि, अमेरिका ने यूक्रेन में अमेरिकी सेना को जमीन पर तैनात करने से इनकार किया, लेकिन हवाई सेना की तैनाती पर विचार किया।
जेलेंस्की ने यूरोपीय समर्थन को यूक्रेन की जीत बताया
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के इस समर्थन को बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि यह यूरोप का मजबूत कदम है जो यूक्रेन को सुरक्षा और सहायता प्रदान करेगा। सिक्योरिटी फोर्स के सैनिक फ्रंटलाइन से दूर तैनात रहेंगे और अधिकतर मददगार की भूमिका निभाएंगे।
पीएम मोदी ने की रूस-यूक्रेन संकट पर यूरोपीय नेताओं से बातचीत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यूरोपीय नेताओं के साथ यूक्रेन संकट पर संवाद किया और रूस को युद्ध से बचाने की अपील की। मोदी ने इस विवाद के कूटनीतिक समाधान पर जोर देते हुए कहा कि केवल बातचीत और शांति प्रयासों से ही युद्ध खत्म किया जा सकता है। इसी कड़ी में, यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कई अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात कर रूस को समझाने की गुजारिश की।
भारत ने यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र में दिया कूटनीतिक समाधान का पक्ष
भारत ने इस पूरे घटनाक्रम में संयुक्त राष्ट्र में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को केवल कूटनीतिक माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है। भारत की यह रणनीति शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वैश्विक स्तर पर एक जिम्मेदार भूमिका निभाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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