Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच लगभग चार वर्षों से जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने राजनीतिक समाधान को गति देने की नई कोशिशों का संकेत दिया है। मंगलवार को उन्होंने घोषणा की कि वह इस सप्ताह तुर्किये की यात्रा पर जाएंगे, जिसका उद्देश्य रूस के साथ वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन के लिए युद्ध का अंत और स्थायी शांति बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
Russia Ukraine War:तुर्किये ने पहले भी बनाई थी बातचीत की जमीन
तुर्किये इस संघर्ष में एक सक्रिय मध्यस्थ की भूमिका निभाता रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में भी उसने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत की मेजबानी की थी। उस समय इस्तांबुल में हुई वार्ता युद्धबंदियों के आदान-प्रदान तक सीमित रह गई थी, लेकिन दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने इसे सकारात्मक शुरुआत बताया था। इसके बावजूद व्यापक शांति समझौते की दिशा में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं हो सकी। इसी तरह अमेरिका की अगुवाई वाले अंतरराष्ट्रीय प्रयास भी अब तक स्थिति बदलने में नाकाम रहे हैं।
Russia Ukraine War:स्पेन यात्रा के बाद तुर्किये रवाना होंगे जेलेंस्की
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि वह स्पेन की यात्रा पूरी करने के एक दिन बाद, बुधवार को तुर्किये पहुंचेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्पेन की यात्रा के दौरान उन्हें सैन्य और आर्थिक सहयोग से जुड़ी नई घोषणाएं मिल सकती हैं। सोशल मीडिया पर जारी संदेश में उन्होंने लिखा, “हम वार्ता प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए कुछ ठोस प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, जिन्हें हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के समक्ष रखेंगे।”
यूक्रेन की आंतरिक तैयारी भी तेज
जेलेंस्की ने हाल ही में बताया था कि वे उच्च स्तरीय यूक्रेनी अधिकारियों, संसद नेतृत्व और अपनी राजनीतिक पार्टी ‘सर्वेंट ऑफ द पीपल’ के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे। उनका कहना है कि यूक्रेन युद्धबंदियों की अदला-बदली की प्रक्रिया को फिर से सक्रिय करने हेतु काम कर रहा है। राष्ट्रपति के अनुसार, इस प्रक्रिया से करीब 1,200 यूक्रेनी कैदियों की रिहाई संभव हो सकती है, जो युद्धग्रस्त परिवारों के लिए बड़ी राहत होगी।
युद्धबंदियों की अदला-बदली पर बड़ी डील संभव
सूत्रों का दावा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जल्द ही युद्धबंदियों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण डील हो सकती है। जेलेंस्की का मानना है कि मानवीय आधार पर शुरू किया गया यह कदम व्यापक शांति वार्ता की दिशा में रास्ता बना सकता है। विशेषज्ञ भी इस बात पर सहमत हैं कि कैदियों की रिहाई जैसी प्रक्रियाएं भरोसा बहाल करने का माध्यम बन सकती हैं, हालांकि बड़े मुद्दों पर सहमति अभी दूर है।रूस के साथ जंग में यूक्रेन को भारी हताहतों का सामना करना पड़ा है। अब तक 50,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों सैनिक और नागरिक कैद किए जा चुके हैं। स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। इस बीच रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों पर उसकी शर्तें, विशेषकर डोनबास क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण की मांग, शांति वार्ता के सबसे बड़े अवरोधों में से एक मानी जा रही है।
तुर्किये की यात्रा से क्या आएगा बड़ा बदलाव?
जेलेंस्की की तुर्किये यात्रा को युद्ध समाप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है। हालांकि वार्ता कितनी सफल होगी, यह रूस के रुख और अंतरराष्ट्रीय दबाव पर निर्भर करेगा। फिर भी युद्धबंदियों की अदला-बदली से लेकर अंतरराष्ट्रीय वार्ता पुनः शुरू करने तक, यूक्रेन की सक्रियता संकेत देती है कि देश अब संघर्ष से बाहर निकलने के लिए गहन प्रयास कर रहा है।
Read More:Iran Visa-Free: ईरान जाने से पहले जान लें ये चेतावनी! वीज़ा-फ्री सुविधा क्यों हुई है बंद?
