S Jaishankar US Visit: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खुलकर निशाने पर लिया। यह बयान क्वाड की बैठक से ठीक पहले आया, जब वे ‘द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म’ नामक प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है, और जब कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ जानबूझकर आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो उसके खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलना अनिवार्य हो जाता है।
जयशंकर का कड़ा संदेश
विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकवाद न सिर्फ निर्दोषों की जान लेता है, बल्कि यह मानवाधिकारों, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और देशों के बीच संबंधों की मूल भावना के खिलाफ भी जाता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब एक देश दूसरे देश के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करता है, तो इससे न केवल हिंसा को बढ़ावा मिलता है बल्कि वैश्विक सुरक्षा को भी खतरा होता है। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के ‘मानव लागत’ को उजागर करने की जरूरत पर भी जोर दिया, ताकि दुनिया इसकी गंभीरता को समझ सके।
UNSC के मंच से फिर दोहराया भारत का रुख
एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से आग्रह किया कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले किसी भी देश को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “ऐसे तत्वों को जवाबदेह ठहराना बेहद जरूरी है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। दुनिया को आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “राज्य प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना और उसके पीछे की ताकतों को बेनकाब करना अब वक्त की मांग है।”
परमाणु ब्लैकमेलिंग पर भी दी चेतावनी
जयशंकर ने अपने बयान में एक और महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाते हुए कहा कि “कोई परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा।” यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से डोनाल्ड ट्रंप की उन हालिया टिप्पणियों की ओर इशारा करता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एटॉमिक वॉर के खतरे की वजह से ही सीजफायर हो सका। भारत के विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा और आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर अडिग रहेगा।
पांच सप्ताह पहले पहलगाम हमले का भी किया जिक्र
जयशंकर ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि पांच हफ्ते पहले UNSC ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी और मांग की थी कि इसके अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, “दुनिया को आतंकवाद जैसे मुद्दों पर एकजुट होने की आवश्यकता है। यह सिर्फ किसी एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक मानवता की लड़ाई है।”
वैश्विक मंच से भारत का सख्त रुख
संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति न केवल सख्त है, बल्कि पूरी तरह से नैतिक और वैश्विक समर्थन पर आधारित है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इस बयान ने आतंकवाद को शह देने वाले देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा दिया है और भारत की वैश्विक भूमिका को और अधिक मजबूत किया है।
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