Sagar University News:मध्य प्रदेश के सागर स्थित डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में स्थित एक अनोखा मेडिकल म्यूजियम आज लोगों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।इस संग्रहालय में ऐसी दुर्लभ चिकित्सा सामग्री और उपकरण संरक्षित हैं,जो देश के किसी अन्य म्यूजियम में शायद ही देखने को मिलें।इनमें सबसे खास है 100 साल पुराना केरोसिन से चलने वाला फ्रिज,जो बिना बिजली के दवाइयों और इंजेक्शन जैसी चीजों को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल होता था।
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1810 में हुआ केरोसिन फ्रिज का आविष्कार

सागर यूनिवर्सिटी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक जैन बताते हैं, “पुराने समय में बिजली की उपलब्धता नहीं थी लेकिन दवाइयां,सीरम,लिक्विड और टिंचर जैसी चीजों को ठंडा रखना जरूरी था।1810 में फ्रिज का आविष्कार हुआ और यह खास फ्रिज मिट्टी के तेल को एक चैंबर में जलाकर काम करता था। इससे निकलने वाली अमोनिया और हाइड्रोजन गैस एक कंप्रेसर के जरिए सर्किट में घूमती थी,जिससे फ्रिज ठंडा रहता था।
सागर यूनिवर्सिटी की 75 वर्ष की गौरवमयी यात्रा
उन्होंने आगे कहा,”उस समय न किताबें थीं,न गूगल का ज्ञान फिर भी मानव ने इतनी अद्भुत वैज्ञानिक सोच के साथ केरोसिन से चलने वाला फ्रिज बनाया,जो आज भी आश्चर्यजनक है।आपको बता दें कि,सागर यूनिवर्सिटी ने 26 मई 2025 को अपने 75 वर्ष की गौरवमयी यात्रा पूर्ण की है जो मध्य प्रदेश में ज्ञान और विज्ञान का एक प्रमुख केंद्र रही है।इस विश्वविद्यालय के वैली कैंपस में स्थापित गौर संग्रहालय न केवल विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरीसिंह गौर की विरासत को संरक्षित करता है,बल्कि यहां मध्य प्रदेश की कला,संस्कृति और सेना के शौर्य से जुड़ी वस्तुएं भी प्रदर्शित की गई हैं।गौर संग्रहालय में स्थापित मेडिकल म्यूजियम खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
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1946 में हुई थी यूनिवर्सिटी की स्थापना
सागर यूनिवर्सिटी की स्थापना वर्ष 1946 में देश की आज़ादी से पहले हो गई थी इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में एक अस्पताल भी स्थापित किया गया था।अस्पताल में उपयोग होने वाली ठंडे तापमान पर सुरक्षित रखने वाली दवाओं को इसी फ्रिज में रखा जाता था यह फ्रिज उस दौर का है जब बिजली का आविष्कार तो हो चुका था लेकिन उसकी उपलब्धता आम जनजीवन तक सीमित नहीं थी।यहां तक कि जहां बिजली मौजूद थी वहां भी उसकी आपूर्ति लगातार नहीं हो पाती थी ऐसे में आवश्यक दवाओं और अन्य संवेदनशील वस्तुओं को ठंडा रखने के लिए केरोसिन चालित फ्रिज का इस्तेमाल किया जाता था।केरोसिन से चलने वाला यह फ्रिज उस समय चिकित्सा जगत के लिए बड़ी उपलब्धि था।