India Pakistan Tension LIVE Updates: भारत की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा खतरनाक आतंकी सैफुल्लाह अब इस दुनिया में नहीं रहा। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के माटली तालुका में उसे मार गिराया गया। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, यह वही आतंकी था जो सीआरपीएफ कैंप रामपुर, नागपुर स्थित संघ मुख्यालय और बेंगलुरु स्थित IISC पर हुए हमलों में शामिल था।
कई नामों से करता था काम
सैफुल्लाह को विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम, खालिद, वनियाल, वाजिद और सलीम भाई जैसे कई नामों से जाना जाता था। वह नेपाल में लश्कर-ए-तैयबा की पूरी आतंकी गतिविधियों का संचालन करता था। उसका काम सिर्फ आतंकी हमलों की योजना बनाना नहीं, बल्कि कैडर की भर्ती, आर्थिक सहायता, और भारत-नेपाल सीमा से आतंकियों की घुसपैठ को अंजाम देना भी था।
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आजम चीमा का करीबी सहयोगी
सैफुल्लाह को लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का खास माना जाता था। नेपाल में वह विनोद कुमार के नाम से रह रहा था और वहीं की एक स्थानीय युवती नगमा बानू से शादी भी कर चुका था। भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में उसकी भूमिका सामने आ चुकी है।
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विशेष रूप से
- 2006 में नागपुर स्थित RSS मुख्यालय पर हुआ हमला
- CRPF रामपुर कैंप पर हमला
- बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) पर बम धमाका
- इन तीनों मामलों में उसकी संलिप्तता पाई गई थी।
नेपाल से भारत में घुसपैठ का मास्टरमाइंड
सैफुल्लाह का नेटवर्क नेपाल से भारत तक फैला हुआ था। वह वहां से लश्कर के आतंकियों की घुसपैठ को अंजाम देता था और लगातार आतंकियों की भर्ती, ट्रेनिंग, और फंडिंग का काम कर रहा था। नेपाल में लश्कर का मजबूत नेटवर्क खड़ा करने में उसकी बड़ी भूमिका थी।
पाकिस्तान में छिपकर चला रहा था साजिशें
हाल के वर्षों में सैफुल्लाह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सक्रिय था। वह वहीं से लश्कर की आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। भारत विरोधी योजनाओं की कमान उसने अपने हाथ में ले रखी थी। उसके संबंध लश्कर के लेखा प्रमुख याकूब और लॉन्च कमांडर आजम चीमा से भी थे, जिससे वह सीधे आतंकियों की रणनीति और फंडिंग से जुड़ा हुआ था।