Sambhal Controversy: यूपी कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने संभल विवाद को सपा और बसपा की देन बताया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में दंगे होते थे और लोग पलायन करने के लिए मजबूर होते थे। वहीं, पिछले 8 साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कोई दंगा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि विवाद की रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है और संभव है कि उचित कार्रवाई की जाएगी।
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वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस को आइना दिखाया
ओपी राजभर ने वोट चोरी के मुद्दे पर भी कांग्रेस को आइना दिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि जो लोग आज दूसरों पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं, वही इतिहास में वोट चोरी करके महत्वपूर्ण फैसलों में हस्तक्षेप कर चुके हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया और 1952 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को हराया गया।
संजय निषाद के बयान पर प्रतिक्रिया
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए ओपी राजभर ने कहा कि सभी सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा, “योगी सरकार में सब कुछ ऑल इज वेल है। यह सब बयानबाजी होती है, टीवी वालों को मसाला मिल जाता है और नेताओं को प्रचार मिलता है। इससे ज्यादा कुछ नहीं है।”
बिहार में कांग्रेस यात्रा को निशाना
बिहार में कांग्रेस पार्टी की यात्रा को निशाने पर लेते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ दिए गए बयान की वे निंदा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस को वोट न देने की अपील कर चुके हैं और अब बिहार में उसी कांग्रेस के साथ चुनावी रैली कर रहे हैं।
वोट चोरी के पुराने आरोपों को याद कराया
ओपी राजभर ने आरोप लगाया कि जो लोग आज वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं, वही इतिहास में कई चुनावों में वोट चोरी करते रहे। उन्होंने कहा कि वाराणसी के चुनाव में मतदाताओं की मत पेटिका गंगा नदी में फेंक दी गई थी। जब मछुआरों ने इसे निकाला, तो सबसे कम वोट कांग्रेस को मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि CAA, NRC और वक्फ बोर्ड को लेकर भी इसी तरह का हंगामा किया गया।
बिहार में हार के कारण फर्जी आरोप
ओपी राजभर ने कहा कि वोट चोरी का फर्जी आरोप इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि ये लोग बिहार में हारने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बाद में कहा जाएगा कि “हम पहले ही बता चुके थे कि वोट चोरी हुई, इसलिए हार गए।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सब केवल चुनावी प्रचार और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है.
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