Sambhal Violence: नवंबर को संभल में जो घटना हुई, उससे ठीक एक रात पहले क्या-क्या हुआ था, कैसे प्लानिंग बनी, इसका खुलासा जब जफर अली ने पुलिस कस्टडी में किया तो पुलिसवाले भी दंग रह गए, जिस बात का अंदेशा पुलिस पहले दिन से लगा रही थी, वही बात जफर अली के कबूलनामे और उसके कॉल डिटेल ने साबित कर दिया. सपा संसद जियाउर्रहमान बर्क के जेल जाने का काम ड़ाउन शुरू हो चुका है.सपा संसद के कभी भी योगी बाबा का बुल्डोजर गड़गड़ा सकता है
पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा
संभल हिंसा में जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने सासंसद जियाउर्रहमान बर्क को लेकर जो दावा किया है वो काफी चौंकाने वाला है.जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि हिंसा से पहले और बाद में सांसद बर्क पल-पल की जानकारी लेते रहा.23 नवंबर की रात 12 बजे फोन पर कहा था कि..हेलो मैं बर्क बोल रहा हूं….मैं संभल से बाहर हूं….सर्वे नहीं होने देना. सुबह जब सर्वे की टीम आयेगी तो तुम अंदर रहोगे लेकिन किसी तरह तुम हमारे लोगों तक सर्वे की बात पहुंचा देना उसके बाद जो होगा देखा जायेगा.
मोबाइल फोन की सीडीआर रिपोर्ट आई सामने
अगले दिन हिंसा के बाद भी वह लगातार संपर्क में रहा. 25 नवंबर को सांसद के कहने पर ही पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप लगाया था. जफर अली के मोबाइल फोन की जो सीडीआर रिपोर्ट आई है उससे दो बातें बिल्कुल साफ हो जाती हैं. जिसका साक्ष्य पुलिस ने कोर्ट में दिया तो जज साहब ने जफर अली की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस केस डायरी का इंतजार सबको था, वो केस डायरी भी पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दी है. उसमें कई बड़े खुलासे लिखे हैं, पर उस बात पर आएं उससे पहले सुनिए जफर अली ने क्या-क्या कबूल किया.
जियाउर्रहमान बर्क का बच पाना मुश्किल!
आपको बता दे कि जफर अली को 23 मार्च को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह मुरादाबाद जेल में हैं. उनकी जमानत अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.जमानत पर अभी फैसला नहीं आया है.सांसद भी हिंसा में आरोपित हैं.वह गिरफ्तारी के लिए स्टे पर हैं.पुलिस ने उन्हें नोटिस देकर आठ अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है.पुलिस की जांच में एक के बाद एक सच सामने आ रहा है.जामा मस्जिद सर्वे के विरोध की साजिश में घिर चुके संभल के सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क का बच पाना अब मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन लग रहा है.पुलिसिया जांच में जब कॉल डिटेल्स खंगाली गई तो सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध निकलकर सामने आई है जिसके बाद योगी का डंडा चलना तय है.

