Sambhal violence: योगी सरकार का बड़ा एक्शन, 45 उपद्रवियों के पोस्टर जारी, इनकी हुई पहचान…अब होगी सख्त वसूली

प्रशासन का कहना है कि इन लोगों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान के लिए तकनीकी और डिजिटल सबूतों का सहारा लिया जा रहा है।

Akanksha Dikshit
Sambhal

Sambhal violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते रविवार को हुए बवाल के बाद प्रशासन ने उपद्रवियों पर शिकंजा कस दिया है। जिला पुलिस ने हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान के लिए 45 पोस्टर जारी किए हैं। ये तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज से ली गई हैं, जिसमें पत्थरबाजी और भीड़ को उकसाने वाले उपद्रवी नजर आ रहे हैं। पुलिस ने इनमें से कई लोगों की पहचान कर उनके नाम और पते भी सार्वजनिक कर दिए हैं।

इन उपद्रवियों की हुई पहचान

जारी पोस्टरों में कई स्थानीय व्यक्तियों का नाम सामने आया है। इनमें आरिफ भाई (बर्तन वाला), मोहम्मद सुबहान उर्फ मुन्ना, निहाल, मंडी में काम करने वाला हब्बू, और उवैश मुर्गे का बहनोई शामिल हैं। इनके अलावा कई अन्य उपद्रवियों के नाम और पते भी जांच में सामने आ चुके हैं। प्रशासन का कहना है कि इन लोगों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान के लिए तकनीकी और डिजिटल सबूतों का सहारा लिया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरों की मदद से उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है। जिन लोगों की पहचान हो चुकी है, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

योगी सरकार ने दिखाई सख्ती

हिंसा के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर यूपी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपद्रवियों से नुकसान की वसूली की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर उपद्रवियों पर इनाम घोषित कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा, “योगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में दंगा और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।”

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जामा मस्जिद कमेटी के आरोप का प्रशासन ने किया खंडन

हिंसा के बाद जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन की कार्रवाई पक्षपाती और भ्रामक है। इस पर संभल के जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने स्पष्ट रूप से कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान सरकारी और गैर-सरकारी संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचाया गया है, जिसमें वाहनों को तोड़ा गया और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की गई।

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सरकार के खिलाफ की गई साजिश

संभल हिंसा को लेकर राज्य के प्रभारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि यह सरकार को बदनाम करने और प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगाड़ने की सुनियोजित साजिश थी। उन्होंने कहा कि “सरकार की मंशा साफ है—प्रदेश में कानून-व्यवस्था का राज कायम रहेगा और अराजकता फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।” पुलिस और प्रशासन के प्रयासों के बाद संभल में अब स्थिति सामान्य है। बाजार खुले हैं और जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की है।

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