Sambit Patra: भाजपा के सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाने से रोकना सोनिया गांधी की गलती थी। उन्होंने दावा किया कि सोनिया गांधी ने भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का काम किया और देश को झुकाने की कोशिश की। पात्रा के इस बयान ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है।
सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप
संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा:“यह सोनिया गांधी का कहना था कि 26/11 के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए। उन्होंने भारत को झुकाने का काम किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह ने अपनी आत्मकथा में भी लिखा है कि उस समय की सरकार अमेरिका से पूछकर यह तय करती थी कि कैबिनेट में कौन होगा।”पात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि सोनिया गांधी की विदेश प्रेमी सोच ने देश की संप्रभुता को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति भारत के हितों के विपरीत रही है, जिससे देश की सुरक्षा पर संकट मंडराया।
मोदी के देशभक्ति वाले बयान का विरोध
संबित पात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए कहा: “प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था – ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा’। वहीं दूसरी ओर सोनिया गांधी का मानना था – ‘सौगंध मुझे विदेश की, मैं देश नहीं उठने दूंगी।’ यह विरोधाभासी सोच कांग्रेस की पहचान है।” यह बयान साफ तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच गहरे वैचारिक मतभेदों को उजागर करता है। पात्रा के अनुसार, कांग्रेस की विदेश नीति और नेतृत्व ने हमेशा भारत की संप्रभुता को कमजोर किया है, जबकि भाजपा देश के प्रति पूर्ण समर्पित है।
नटवर सिंह की आत्मकथा का जिक्र
संबित पात्रा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह की आत्मकथा का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार विदेश की मंशा के अनुरूप कैबिनेट और नीति बनाती थी। उन्होंने दावा किया कि यह बातें कांग्रेस के शासनकाल में भारत की स्वतंत्र निर्णय क्षमता पर प्रश्न चिह्न लगाती हैं।
राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रियाएं
भाजपा सांसद के इस बयान के बाद कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दिया है और कहा है कि विपक्ष को देशहित में काम करना चाहिए, न कि पुराने विवादों को उभारना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए दोनों बड़े राजनीतिक दल अपनी-अपनी विचारधाराओं को स्पष्ट करने और मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। संबित पात्रा के बयान ने एक बार फिर 26/11 मुंबई हमले के बाद की राजनीतिक परिस्थितियों पर बहस को तवज्जो दी है। साथ ही यह बयान देश की सुरक्षा, संप्रभुता और विदेश नीति के मसलों को केंद्र में लाता है। राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर जारी बयानबाजी आगामी समय में भी जारी रहने की संभावना है।
