India-Pakistan Match Fixed: भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में खेले गए हाई-वोल्टेज एशिया कप मुकाबले को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि यह पूरा मैच फिक्स था और इससे पाकिस्तान को 1000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
संजय राउत बोले: ये मैच शहीदों का अपमान
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा,“भारत-पाकिस्तान के बीच मैच होना ही सरकार की निर्लज्जता है। चाहे दुबई हो या अबूधाबी, मैच किसी भी मैदान पर खेला गया हो, यह हमारे जवानों, शहीदों और महिलाओं का अपमान है। क्या मैच खेलने से पहलगाम में शहीद हुए जवानों का सिंदूर वापस आएगा?”डेढ़ लाख करोड़ का सट्टा, 50 हजार करोड़ पाकिस्तान को?राउत ने आगे कहा कि इस मैच में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये का सट्टा लगा और आरोप लगाया कि “पूरा मैच फिक्स था। सट्टे से करीब 50 हजार करोड़ रुपये पाकिस्तान को पहुंचे। इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी सीधा 1000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।”
जय शाह और बीसीसीआई पर निशाना
संजय राउत ने ICC के अध्यक्ष जय शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा “आपने IMF और एशियन डेवलपमेंट बैंक से पाकिस्तान को लोन न देने की सिफारिश की थी, यह कहकर कि वह पैसा आतंकवाद में इस्तेमाल होगा। अब इस मैच के जरिए भारत की मदद से जो पैसा पाकिस्तान को मिला, उसका क्या?” उन्होंने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने स्वीकार किया कि इस मैच को भारत सरकार की मंजूरी प्राप्त थी।
शिवसेना (यूबीटी) का ‘सिंदूर रक्षा आंदोलन’
बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) ने पहले ही इस मैच के विरोध में ‘सिंदूर रक्षा आंदोलन’ का ऐलान किया था। पार्टी का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच कोई भी क्रिकेट मुकाबला नहीं होना चाहिए था। शिवसेना नेताओं का आरोप है कि सरकार राजनीति और पैसों के लिए शहीदों के सम्मान से समझौता कर रही है।
भारत ने मैच जीता, पर विवाद जारी
गौरतलब है कि रविवार (14 सितंबर) को खेले गए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया। पाकिस्तान की टीम ने 127 रन बनाए थे, जवाब में भारत ने सिर्फ 15.5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया। हालांकि भारत ने मैदान पर शानदार जीत दर्ज की, लेकिन मैदान के बाहर राजनीति गर्माई हुई है। संजय राउत के आरोपों से नया विवाद खड़ा हो गया है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार या बीसीसीआई की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया आती है या नहीं।
