Sanjay Raut : मणिपुर में हाल ही हुई हिंसा के बाद इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वहां पहला दौरा होने वाला है। इस पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा कि मोदी जी प्रधानमंत्री हैं, लेकिन हिंसा के दौरान मणिपुर जाकर हालात देखने की हिम्मत नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि अब जब मोदी का प्रधानमंत्री पद से जाना तय हो गया है, तो वे मणिपुर जाकर ‘पर्यटन’ कर रहे हैं। राउत ने मोदी की इस देरी पर सवाल उठाए हैं।
विपक्ष ने संसद में भी उठाया मणिपुर दौरे का मुद्दा
मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा को लेकर विपक्ष ने संसद में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया था। विपक्ष ने सवाल किया था कि मोदी के पास मणिपुर जाकर हालात का जायजा लेने का समय क्यों नहीं था। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार ने समय पर आवश्यक कदम नहीं उठाए, जिससे हिंसा और बढ़ी।
13 सितंबर को होगा पीएम का दौरा
आइजोल के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर पहुंचेंगे। मिजोरम के दौरे के बाद वह मणिपुर में रेलवे की एक परियोजना का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, अभी तक दिल्ली या इंफाल से इस यात्रा की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बीजेपी की मणिपुर इकाई ने भी इस दौरे की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले को ‘ड्रोन निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी धरुण कुमार एस ने आदेश जारी कर बताया कि वीवीआईपी दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए यह कदम उठाया गया है। चुराचांदपुर जिला कुकी समुदाय का प्रमुख क्षेत्र है और मिजोरम सीमा से सटा हुआ है, जहां विशेष सुरक्षा सतर्कता की आवश्यकता है।
मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा ने मचाई तबाही
मणिपुर में मई 2023 में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क गई थी। इस संघर्ष में अब तक 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। हिंसा ने पूरे राज्य को अस्थिर कर दिया था। मई से अब तक यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर का पहला दौरा होगा, जो हिंसा प्रभावित इलाकों की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर दौरा राज्य की लंबे समय से चली आ रही जातीय हिंसा के बीच सुरक्षा और राजनीतिक संवेदनशीलता के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विपक्ष और राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाओं के बीच यह दौरा केंद्र और राज्य सरकार की जनहित एवं शांति स्थापना की कोशिशों का परीक्षण होगा।
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