Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर इस उपाय को करने से पूरे होंगे सभी काम, मिलेगी खूब सफलता

संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

Nivedita Kasaudhan
Sankashti Chaturthi 2025
Sankashti Chaturthi 2025

Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है, लेकिन संकष्टी चतुर्थी व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ती है यह तिथि प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना को समर्पित होती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है।

मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। लेकिन इसी के साथ ही अगर संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश चालीसा का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो सभी कार्य पूरे हो जाते हैं और मनचाही सफलता हासिल होती है, तो हम आपके लिए लेकर आए हैं गणेश चालीसा का पाठ।

Sankashti Chaturthi 2025
Sankashti Chaturthi 2025

Read more: Aaj Ka rashifal 14-05-2025: मेष से लेकर मीन तक के लिए कैसा रहेगा बुधवार का दिन? एक क्लिक में देखें आज का राशिफल

संकष्टी चतुर्थी की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी एकदन्त संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरुआत 16 मई को सुबह 4 बजकर 2 मिनट से आरंभ हो रही है। वही इस तिथि का समापन 17 मई को सुबह 5 बजकर 13 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार एकदन्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 मई को किया जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 10 बजकर 39 मिनट होगा।

यहां पढ़ें गणेश चालीसा पाठ

॥ दोहा ॥

जय गणपति सदगुण सदन,

कविवर बदन कृपाल ।

विघ्न हरण मंगल करण,

जय जय गिरिजालाल ॥

Sankashti Chaturthi 2025
Sankashti Chaturthi 2025

॥ चौपाई ॥

जय जय जय गणपति गणराजू ।

मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।

विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।

तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।

स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।

मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।

चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।

गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।

मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।

अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।

पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।

तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।

बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।

मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।

बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।

पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।

पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।

लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।

नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।

सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।

देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।

बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।

उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।

का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।

शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।

बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।

सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।

शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।

काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।

प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।

प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।

पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।

रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।

तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।

नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।

शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।

करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।

जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।

अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥

॥ दोहा ॥

श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान ।

नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।

पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ती गणेश ॥

Read more: Aaj Ka Love Rashifal: लव लाइफ के लिए कैसा होगा बुधवार का दिन? जानें आज का लव राशिफल

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version