Satyapal Malik News: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मलिक को एक बार फिर ICU में भर्ती किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर खुद यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “मैं पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं। परसों से थोड़ा ठीक था, लेकिन आज मुझे फिर ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत लगातार गंभीर होती जा रही है।”
“सच्चाई बताना चाहता हूं, चाहे रहूं या न रहूं”
सत्यपाल मलिक ने अपने पोस्ट में लिखा कि उनकी सेहत चाहे जैसी भी हो, वे देशवासियों को सच्चाई बताना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं रहूं या ना रहूं, देश को सच्चाई जरूर बताना चाहता हूं।” इस संदेश में उनकी चिंता साफ झलकती है कि वे अपनी गिरती सेहत के बीच भी देश और लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहते हैं।
150 करोड़ की रिश्वत की पेशकश का किया खुलासा
पूर्व राज्यपाल ने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार से जुड़े एक बड़े खुलासे की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें राज्यपाल रहते हुए 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने लिखा, “मेरे राजनीतिक गुरु किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की तरह मैंने भी पूरी ईमानदारी से काम किया और कभी अपने ईमान से समझौता नहीं किया।”
किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के साथ खड़े रहे मलिक
सत्यपाल मलिक ने यह भी लिखा कि उन्होंने अपने राज्यपाल कार्यकाल के दौरान राजनीतिक लाभ की चिंता किए बिना किसानों के हितों के लिए आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा, “जब किसान आंदोलन चल रहा था, तब मैं पद पर रहते हुए भी खुलकर किसानों के पक्ष में खड़ा रहा। इसी तरह महिला पहलवानों के आंदोलन में भी मैंने जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक उनका साथ दिया।”
पुलवामा हमले की जांच पर उठाए सवाल
पूर्व राज्यपाल ने पुलवामा हमले को लेकर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि इस गंभीर मामले की अब तक कोई निष्पक्ष जांच नहीं हुई। उन्होंने लिखा, “मैंने इस मुद्दे को खुलकर उठाया लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस जांच नहीं करवाई।”
सरकार पर CBI से डराने का आरोप
सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें CBI और झूठे चार्जशीट के जरिए फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जिस टेंडर को लेकर उन्हें फंसाने की साजिश हो रही है, उसे उन्होंने खुद प्रधानमंत्री को सूचित कर निरस्त किया था। उन्होंने कहा, “उस टेंडर को मैंने खुद कैंसिल किया था। मेरा तबादला होने के बाद किसी और के हस्ताक्षर से वह पास हुआ।”
“कर्ज में हूं, एक कमरे में रहता हूं”
पोस्ट के अंत में मलिक ने अपनी आर्थिक स्थिति का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास पैसा होता तो मैं किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाता। आज भी मैं एक कमरे के मकान में रहता हूं और कर्ज में हूं। सरकार मुझे बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, लेकिन मैं न तो डरने वाला हूं और न झुकने वाला हूं।”
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की इस भावुक अपील और गंभीर आरोपों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उनकी गिरती सेहत के बीच उनके ये बयान न सिर्फ उनकी बेबाकी को दर्शाते हैं, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं।