Saurabh Murder Case: मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड की मुख्य आरोपी मुस्कान और उसका प्रेमी साहिल धर्म एवं भक्ति की राह पर चल रहे हैं। मेरठ जेल में बंद ये दोनों नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा उन्हें व्रत के दौरान केले, उबले आलू, साबूदाना खीर और दूध का आहार दिया जा रहा है। यह सिलसिला चल रहा है कि दोनों नवरात्रि के दौरान भजन संध्या में ईश्वर की स्तुति कर रहे हैं और सुंदरकांड का पाठ भी कर रहे हैं।
मुस्कान साढ़े छह माह की गर्भवती
जेल में बंद मुस्कान गर्भवती है और उसके गर्भ में साढ़े छह महीने का बच्चा है। मुस्कान ने अपनी मन्नत बनाई है कि उसे भगवान कृष्ण जैसा पुत्र प्राप्त हो। साथ ही उसकी यह भी इच्छा है कि वह जल्द ही मेरठ जिला कारागार से रिहा हो जाए। नवरात्रि के दौरान मुस्कान और साहिल दोनों मिलकर भक्ति एवं धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं।
मुस्कान और साहिल ने किया था सौरभ की बेरहमी से हत्या
मार्च 2025 में मेरठ के ब्रह्मपुरी इलाके में मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या की थी। आरोप है कि मुस्कान और साहिल ने सौरभ को अपने रिश्ते में बाधा मानते हुए उसकी जान ले ली। पुलिस के अनुसार, सौरभ को पहले नींद की दवा देकर बेहोश किया गया था। इसके बाद गला रेतकर उसकी हत्या की गई। हत्या के बाद शव को टुकड़ों में काटकर पहले सूटकेस में रखने का प्रयास किया गया, लेकिन बाद में शव को नीले रंग के प्लास्टिक ड्रम में रखकर सीमेंट से सील कर दिया गया।
पुलिस ने दर्ज की एक हजार पन्नों की चार्जशीट
सौरभ हत्या मामले में पुलिस ने मुस्कान और साहिल के खिलाफ एक हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में 36 गवाहों को शामिल किया गया है, जिनमें 10 पुलिसकर्मी भी हैं। एसएसपी ने इस चार्जशीट के बारे में बताया कि जांच में कोई भी एंगल छोड़ा नहीं गया है जिससे आरोपी मुस्कान और साहिल को किसी प्रकार की राहत मिल सके। पुलिस का दावा है कि सारा साक्ष्य मजबूत है और आरोपी दोनों के खिलाफ मुकदमा न्यायालय में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
भक्ति और धर्म के जरिए सुधार की कोशिश
जेल में मुस्कान और साहिल द्वारा धर्म और भक्ति की ओर रुख करना उनके सुधार और आत्मशुद्धि की ओर बढ़ता कदम माना जा रहा है। नवरात्रि व्रत के दौरान दोनों का भजन-कीर्तन और सुंदरकांड पाठ यह दर्शाता है कि वे अपने जीवन में एक नया मोड़ लाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक उनके खिलाफ आरोप कायम रहेंगे और न्यायालय के फैसले का इंतजार रहेगा।

