Sawan 2025: हिंदू धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन सावन का महीना बेहद ही खास होता है जो कि महादेव को समर्पित है। इस पवित्र मास में पड़ने वाले सोमवार को शिव पूजा के लिए सबसे उत्तम समय बताया गया है। मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं और सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।
पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस दौरान सावन सोमवार व्रत करते वक्त अगर गलती से आपका व्रत अनजाने में टूट जाए या फिर खंडित हो जाता है तो ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है आप कुछ नियमों और उपायों को करके शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं तो हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।

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व्रत खंडित हो जाए तो करें यह काम
क्षमा याचना
अगर गलती से आपका व्रत टूट गया है तो सबसे पहले भगवान शिव से सच्चे मन से क्षमा जरूर मांगे। इसके लिए हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करें कि यह गलती जनजाने मेुं हुई है और आने वाले वक्त में आप सावधानी बरतेंगे।
व्रत का संकल्प करें
अगर आपका व्रत दिन के शुरुआती प्रहर में टूट गया है और आप व्रत करने में सक्षम है तो आप उसी दिन या फिर अगले सोमवार से फिर से व्रत का संकल्प लेकर उसे पूरा करने का प्रयास करें। इसे प्रायश्चित व्रत भी कहा जाता है।
मंत्र का जाप
अगर सावन सोमवार व्रत गलती से टूट गया है तो ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूरी करें। ऐसा करना लाभकारी होता है। इस मंत्र से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और सभी दोषों से मुक्ति मिलती है। आप ज्यादा से ज्यादा इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
दान पुण्य
सावन सोमवार व्रत खंडित होने पर दान पुण्य जरूर करना चाहिए। ऐसे में गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन और भोजन आदि का दान करें। ऐसा करने से मन शांत होता है और पापों से भी मुक्ति मिलती है।
शिवलिंग का अभिषेक
अगर गलती से आपका व्रत टूट गया है तो ऐसे में साफ पानी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके साथ ही बिल्व पत्र, धतूरा और शमी पत्र भी अर्पित करें। इस उपाय को करने से शिव कृपा बरसती है और पाप नहीं लगता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
