Sawan Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी व्रत को खास माना गया है, जो कि हर माह में दो बार पड़ती हैं। पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना को समर्पित है।
इस दिन पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान सुख की इच्छा पूरी हो जाती है और दुख परेशानियां भी दूर होती हैं। इस बार पुत्रदा एकादशी का व्रत कल यानी 5 अगस्त दिन मंगलवार को किया जाएगा। ऐसे में हम आपको शुभ मुहूर्त और विधि की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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सावन पुत्रदा एकादशी की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो रही है और 5 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त दिन मंगलवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी होता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 5 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 5 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। शाम का पूजा मुहूर्त शाम 7 बजकर 9 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा व्रत का पारण अगले दिन 6 अगस्त को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट तक किया जा सकता है।
पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्रों को धारण करें। इसके बाद भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें पूजा के लिए एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। भगवान को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से स्नान कराएं।
इसके बाद पीले पुष्प, तुलसी दल, धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें। बाद में ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। पूजा कर दिनभर उपवास रखें। रात में भगवान के भजन कीर्तन करें। इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या अन्य सामग्री का दान करें। साथ ही आटे का दीपक बनाकर तेल या घी के साथ पीपल के पास रखें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।