Justice Yashwant Varma: इलाहबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर की मांग पर सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई से इनकार कर दिया।जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर लोकसभा के 100 ज्यादा सांसद पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं।जिस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि,सभी प्रमुख दलों के बीच जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग लाने पर एक राय है।वकील मैथ्यू नेदुम्परा ने CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा था।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ सुनवाई से SC का इनकार
गौरतलब है कि,जस्टिस वर्मा के दिल्ली के सरकारी आवास से जली हुई नकदी मिली थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक समिति का गठन किया था।समिति ने जस्टिस वर्मा के घर नकदी की पुष्टि की थी और उनकी सफाई से समिति संतुष्ट नहीं थी।हालांकि इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।तब इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भुइंया की पीठ ने की थी।
इन-हाउस जांच समिति ने ठहराया था दोषी
उन्होंने कहा था कि,याचिकाकर्ता को पहले इस मामले की उचित प्राधिकरण के सामने उठाना चाहिए था।इसके बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए।अगर आप ‘रिट ऑफ मंडमस’ चाहते हैं तो पहले आपको उन अधिकारियों के समक्ष आवेदन देना होगा,जिनके सामने यह मामला विचाराधीन है।वहीं,इन-हाउस जांच समिति ने जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया था,जिसके बाद चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए यह कह दिया था। लेकिन,जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था इसके बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।
जांच के लिए SC ने किया था समिति का गठन
जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास से जली हुई नकदी मिली थी।सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने जस्टिस वर्मा के घर नकदी की पुष्टि की थी।नोट की गड्डियों के बारे में खुलासा आग बुझाने के लिए पहुंचे अग्निशमन दल ने किया था।इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।हालांकि इसके बाद जस्टिस वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे।उन्होंने आरोपों से इनकार किया और इसे साजिश बताया था।
आपको बता दें कि,इस मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने 22 मार्च को एक आंतरिक जांच शुरू की थी।जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों का पैनल भी बनाया।