मिर्जापुर के स्कूली बच्चों ने देखी पानी को पीने लायक बनाने की प्रक्रिया

Mona Jha

लखनऊ संवाददाता : विवेक शाही

  • नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से आयोजित ‘जल ज्ञान यात्रा’ में शामिल हुए स्कूली बच्चे
  • वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे, जल जांच प्रयोगशाला में पानी गुणवत्‍ता की जांच को नजदीक से देखा
  • स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में पकड़े स्कूली बच्चों ने ग्रामीणों को जल संरक्षण व संचयन का संदेश भी दिया
  • जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से गांवों में आये बदलाव जानकर हुए खुश

मिर्जापुर : अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पर्यटन स्थलों और धार्मिक वातावरण से बरबस लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने वाले मिर्जापुर जिले में घर-घर तक पहुंच रहे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था देख स्कूली बच्चे काफी खुश हुए। उन्होंने नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से जिले में स्थापित किये गये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भ्रमण किया और जल जांच प्रयोगशाला में पानी गुणवत्‍ता की जांच को भी पहली बार देखा। पानी को पीने लायक बनाने की प्रक्रिया उनके लिए एकदम नई थी। इसलिए उनके अन्दर एक-एक चीज जानने का उत्साह भी दिखाई दिया। उनकाे जल जीवन मिशन की ‘हर घर जल’ योजना से पहुंच रहे स्वच्छ पेयजल से गांव-गांव में आए बदलाव की भी जानकारी दी गई।

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जांच प्रयोगशाला ले जाया गया

मिर्जापुर जिले में पहली बार नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ”जल ज्ञान यात्रा’ आयोजित की गई। जल ज्ञान यात्रा की शुरूआत तहसील कार्यालय से लालगंज के अपर जिलाधिकारी, नमामि गंगे देवेंद्र प्रताप सिंह ने हरी झण्डी दिखा कर की। स्कूली बच्चों को सबसे पहले महादेव ग्राम समूह पेयजल योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, नरयना कलां ले जाया गया जहां उन्होंने पीने के स्वच्छ पानी पहुंचाने की प्रक्रिया को समझा। इसके बाद स्कूली बच्चों को जल जांच प्रयोगशाला ले जाया गया।

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जल संचयन का संदेश भी दिया..

जहां पानी जांच के इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में बच्चों ने स्कीम के प्रोजेक्ट मैनेजर से सवाल भी किये। प्रयोगशाला में पानी में कठोरता कैसे जांचते हैं, बैक्टीरिया का कैसे पता लगाते हैं आदि के बारे में भी उनको बताया गया। ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई जल जांच प्रयोगशाला में फील्ड टेस्ट किट से पानी श्रोतों की जांच दिखाई गई जिसे देख स्कूली बच्चे अचंभित रह गये।

स्कूली बच्चों को पेयजल की आवश्यकता, महत्ता, उपलब्धता एवं गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी दी गई। स्कूली बच्चों ने ‘हर घर जल का नारा है, सबको शुद्ध पेयजल पहुंचाना है’ और ‘जल एक वरदान है, जल ही जीवनदान है’ जैसे स्लोगनों के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण और जल संचयन का संदेश भी दिया।

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