SCO Summit 2025:चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो गया है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही मंच पर दिखाई देंगे। मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते भारत-अमेरिका संबंधों में आई तल्खी के बीच यह बैठक अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ट्रंप की टैरिफ नीति और वैश्विक असंतुलन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और चीन पर लगाए गए टैरिफ और रूस पर लगे प्रतिबंधों ने वैश्विक व्यापारिक समीकरणों को प्रभावित किया है। ऐसे में भारत, चीन और रूस के नेताओं की यह मुलाकात नए सहयोग और कूटनीतिक दिशा तय करने की दृष्टि से अहम मानी जा रही है।
सात साल बाद चीन पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए सात साल बाद चीन पहुंचे हैं। पिछली बार वे जून 2018 में चीन के क्विंगदाओ में आयोजित एससीओ सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसके बाद भारत और चीन के बीच रिश्ते 2020 की गलवान घाटी की झड़प के कारण तनावपूर्ण हो गए थे। हाल ही में रिश्तों में सुधार के प्रयास तेज हुए हैं, जिसमें चीनी विदेश मंत्री वांग ई की भारत यात्रा भी शामिल है।
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यूक्रेन युद्ध और मोदी-पुतिन की संभावित चर्चा
तियानजिन पहुंचने के कुछ ही समय बाद प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का फोन आया। दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध, मानवीय संकट और शांति प्रयासों पर बातचीत की। इसके बाद पीएम मोदी और पुतिन के बीच सोमवार को विस्तृत वार्ता होने की संभावना है, जिसमें यूक्रेन संघर्ष प्रमुख विषय रहेगा। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह शांति और स्थिरता के प्रयासों का समर्थन करता है।
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चिनफिंग के साथ अहम द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक रविवार को होनी है। दोनों देश ट्रंप की टैरिफ नीति से उत्पन्न व्यापारिक दबावों के बीच अपने आपसी संबंधों को मजबूत करने के नए रास्ते तलाश सकते हैं। यह वार्ता सीमा विवाद, व्यापार और कूटनीति जैसे कई संवेदनशील मुद्दों पर केंद्रित हो सकती है।
भारत में चीनी राजदूत की प्रतिक्रिया
भारत में चीनी राजदूत जू यान ने प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा भारत-चीन संबंधों में नई ऊर्जा और गति लेकर आएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक स्वागत है, यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देगा।”
