SCO बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर झुकी Shehbaz Sharif की नजर, PM मोदी ने वैश्विक स्तर पर कड़े शब्दों में की आलोचना

Aanchal Singh
SCO Summit 2025
SCO Summit 2025

SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में आतंकवाद को मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि,आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए।

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SCO शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर शर्मिंदा हुआ PAK

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि,आतंकवाद पर दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं। तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि,आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद से निपट रहा है उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ एकजुटता दिखाने वाले देशों का भी आभार व्यक्त किया।

SCO सदस्य के रूप में भारत की सकारात्मक भूमिका

पीएम मोदी ने कहा कि,एससीओ के सदस्य के रूप में भारत ने बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों-सुरक्षा,संपर्क और अवसर पर आधारित है।इससे पहले पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ रविवार को भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता की।जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि,बैठक में पीएम मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व को रेखांकित किया।

गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत-चीन के रिश्तों में तनाव

विदेश सचिव ने कहा,पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को स्पष्ट रूप से बताया कि सीमा पर शांति और सौहार्द भारत-चीन संबंधों के लिए एक बीमा पॉलिसी की तरह है मौजूदा तंत्रों का उपयोग करते हुए सीमाओं पर शांति बनाए रखने और भविष्य में समग्र संबंधों में व्यवधान से बचने की आवश्यकता पर सहमति बनी। पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं,जो जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक झड़पों के बाद गंभीर तनाव में आ गए थे।

आतंकवाद की चुनौती पर सहमत शी जिनपिंग

विदेश सचिव ने कहा,प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पार आतंकवाद की चुनौती का भी उल्लेख किया और इससे निपटने के लिए एक-दूसरे को समर्थन देने पर जोर दिया।पीएम मोदी ने सीमा पार आतंकवाद को प्राथमिकता के रूप में उल्लेख किया और कहा,यह ऐसी चीज है जो भारत और चीन दोनों को प्रभावित करती है।इस पर दोनों राष्ट्र प्रमुखों का मानना था कि भारत और चीन के बीच मतभेदों को विवाद में बदलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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