Bihar Election 2025 : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद अब सुलझ गया है। खास बात यह है कि बिहार की महुआ सीट अब चिराग पासवान को सौंप दी गई है। सूत्रों की मानें तो यह सीट लेकर उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया है। इस विवाद के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने भी एनडीए की सहमति मान ली है।
महुआ सीट को लेकर चला विवाद
महुआ सीट को लेकर लंबे समय से उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के बीच मतभेद चल रहा था। दोनों नेता इस सीट को अपने कब्जे में लेने के इच्छुक थे। चिराग पासवान, जो लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख हैं, ने एनडीए के भीतर अपनी दावेदारी जताई थी। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा, जो पिछले समय में राजनीतिक समीकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, उन्होंने भी इस सीट को अपने लिए आवश्यक बताया था। इस विवाद ने एनडीए के सीट बंटवारे की योजना को प्रभावित किया था।
समझौते के तहत उपेंद्र कुशवाहा को मिलेगा बड़ा दांव
सूत्रों ने यह भी बताया कि उपेंद्र कुशवाहा को इस सीट से समझौता करते हुए दो बड़ी सौगातें दी जाएंगी। पहला, उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा जाएगा। वर्तमान में उनका राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 में समाप्त हो रहा है। दूसरा, उन्हें एक विधान परिषद की सीट दी जाएगी। यह कदम एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को सम्मान देने के साथ-साथ उनकी पार्टी को गठबंधन में बनाए रखने की रणनीति के तहत उठाया गया है।
एनडीए की रणनीति और आगामी चुनावों की तैयारी
एनडीए के लिए यह सीट बंटवारा एक बड़ी चुनौती थी। बिहार में गठबंधन की मजबूती और चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। चिराग पासवान को महुआ सीट सौंपकर एनडीए ने उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा किया है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा को भी पर्याप्त महत्व देकर गठबंधन को स्थिर किया गया है। यह कदम आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर गठबंधन की मजबूती के लिए जरूरी माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषण: यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, महुआ सीट का यह बंटवारा एनडीए के अंदर आपसी तालमेल और सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान दोनों की अपनी-अपनी पार्टी और समर्थक हैं, जिनके बिना बिहार में गठबंधन की पकड़ कमजोर हो सकती थी। इस समझौते से बिहार में एनडीए की सीटों पर चुनावी रणनीति और भी प्रभावी बनेगी।
इस तरह एनडीए ने महुआ सीट को लेकर चल रहे विवाद को सुलझा लिया है। चिराग पासवान को महुआ सीट मिलने से उनकी राजनीतिक छवि मजबूत होगी, वहीं उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा और विधान परिषद की सीट मिलना उनकी भूमिका को और सशक्त बनाएगा। आने वाले समय में यह गठबंधन बिहार में अपने प्रभाव को और बढ़ा सकता है।
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