Bihar Election 2025: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियों को तेज कर दिया है। पार्टी ने मंगलवार को पटना स्थित कार्यालय में एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। यह बैठक सुबह 10 बजे से शुरू होगी, जिसमें संगठनात्मक मुद्दों और आगामी चुनाव की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। खास बात यह है कि इस अहम बैठक में पार्टी के सभी सांसद, प्रदेश पदाधिकारी, चुनाव सह प्रभारी और विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
अरुण भारती करेंगे बैठक की अध्यक्षता
बैठक की अध्यक्षता बिहार चुनाव के लिए नियुक्त प्रभारी और पार्टी सांसद अरुण भारती करेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी प्रमुख चिराग पासवान किसी आवश्यक काम से दिल्ली रवाना हो रहे हैं, लेकिन उन्होंने बैठक को लेकर दिशा-निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं। यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर गहमागहमी चरम पर है।
सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में खींचतान
सूत्रों की मानें तो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एनडीए से 36 से 40 सीटों की मांग कर रही है, जबकि उन्हें केवल 20 से 22 सीटों का ऑफर मिला है। चिराग पासवान इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं और अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी तो चिराग पासवान अलग राह भी चुन सकते हैं।
रणनीति तय करने को लेकर बढ़ा मंथन
इस इमरजेंसी मीटिंग को एलजेपी (रामविलास) की चुनावी रणनीति तय करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, सभी जिलों के संगठन प्रभारी और चुनावी समीकरणों पर गहन चर्चा होगी। यह भी तय किया जाएगा कि एनडीए के साथ गठबंधन किस शर्त पर जारी रहेगा, और यदि सहमति नहीं बनी तो अलग चुनाव लड़ने की संभावनाएं भी टटोली जाएंगी।
बिहार की राजनीति में हलचल तेज
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। चिराग पासवान पहले भी संकेत दे चुके हैं कि वे किसी भी स्थिति में पार्टी के सम्मान और जनाधार से समझौता नहीं करेंगे। ऐसे में आगामी कुछ दिन बिहार की सियासत के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं।चिराग पासवान की पार्टी द्वारा बुलाई गई यह इमरजेंसी मीटिंग केवल संगठनात्मक नहीं, बल्कि आगामी राजनीतिक दिशा तय करने की दृष्टि से भी निर्णायक साबित हो सकती है। एनडीए के भीतर मंथन जारी है, लेकिन चिराग की जिद और जनता में उनकी पकड़ को देखते हुए भाजपा समेत अन्य घटक दलों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि यह बैठक बिहार चुनाव की सियासी तस्वीर में क्या नया मोड़ लाती है।
