France Political Crisis: फ्रांस की नई सरकार गठन के 14 घंटे बाद सेबस्टियन लेकोर्नू ने दिया इस्तीफा, गहरया राजनीतिक संकट

Chandan Das
France

France Political Crisis: फ्रांस के नए प्रधानमंत्री सेबस्टियन लेकोर्नू ने सोमवार को सिर्फ 14 घंटे बाद ही अपनी नई कैबिनेट के गठन के बाद इस्तीफा दे दिया। उनके इस अचानक और अप्रत्याशित इस्तीफे ने देश के राजनीतिक संकट को और गहरा कर दिया है। इस घटना के बाद फ्रांसीसी शेयर बाजार और यूरो मुद्रा में तेज गिरावट आई है।

आपको बतादें कि लेकोर्नू जो राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के करीबी सहयोगी हैं, उन्होंने रविवार को अपनी कैबिनेट के मंत्रियों की घोषणा की थी और सोमवार दोपहर पहली कैबिनेट बैठक तय थी। लेकिन कैबिनेट की घोषणा के बाद ही विरोधी और सहयोगी दोनों पक्ष नाराज दिखे। कुछ इसे ज्यादा दक्षिणपंथी तो कुछ इसे पर्याप्त दक्षिणपंथी नहीं मान रहे थे। यह विवाद इस बात पर सवाल उठाता है कि यह सरकार कितनी देर तक टिक पाएगी, खासकर तब जब फ्रांस की संसद काफी बिखरी हुई है और किसी भी दल के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है।

राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी

लेकोर्नू ने सोमवार सुबह राष्ट्रपति मैक्रॉन को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय (एलिसी) ने इस बात की पुष्टि की। फ्रांस की राजनीति पिछले दो वर्षों में लगातार अस्थिर होती जा रही है, खासकर 2022 में मैक्रॉन के पुनर्निर्वाचन के बाद से कोई भी दल संसद में स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं कर पाया है।

पिछले साल मैक्रॉन ने संसद को भंग करके नए चुनाव कराने का निर्णय लिया था, लेकिन इससे संसद और भी ज्यादा बिखर गई। लेकोर्नू इस दौरान मैक्रॉन के पांचवें प्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें पिछले महीने ही नियुक्त किया गया था।

विपक्ष ने मांगा संसद भंग करने का आग्रह

देश के दक्षिणपंथी और कट्टरपंथी दल, नेशनल रैली के नेता जॉर्डन बारडेला ने लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मैक्रॉन से तत्काल संसद भंग कर नए चुनाव कराने की मांग की है। बारडेला ने कहा, “राजनीतिक स्थिरता लौटाने का एकमात्र रास्ता है संसद को भंग करना और फिर से चुनाव कराना।”

आर्थिक बाजारों पर असर

लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद पेरिस का प्रमुख शेयर बाजार CAC 40 में 1.5% की गिरावट दर्ज की गई, जो यूरोप के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले इंडेक्सों में से एक रहा। बैंकिंग शेयरों पर खासा दबाव देखा गया, जिसमें BNP Paribas, Société Générale और Crédit Agricole के शेयर 4% से 5% तक गिर गए।

फ्रांस में राजनीतिक भविष्य पर सवाल

फ्रांस की राजनीतिक अस्थिरता के बीच, यह सवाल उठता है कि देश के सामने आने वाले सामाजिक और आर्थिक संकटों से निपटने के लिए सरकार कितनी प्रभावी हो पाएगी। संसद में बिखराव के कारण कानून निर्माण और नीतिगत निर्णय लेने में दिक्कतें बढ़ रही हैं। इस नए राजनीतिक संकट ने फ्रांस के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है और राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि देश को स्थिरता लौटाने के लिए जल्द ही नई सरकार और चुनाव की जरूरत है।

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