Senuran Muthusamy Century: भारत में शायद बहुत कम लोग सेनुरन मुथुसामी का नाम जानते हों, लेकिन गुवाहाटी टेस्ट ने इस दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर को रातों-रात दुनिया भर में सुर्खियां दिला दीं। मुथुसामी ने पहली पारी में शानदार सेंचुरी लगाकर न केवल मैच की दिशा बदली, बल्कि अपने नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज कराए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 7वें नंबर पर उतरकर कठिन परिस्थितियों में यह शतक जड़ा। मुथुसामी ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण—जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव—का डटकर सामना करते हुए 192 गेंदों में करियर का पहला टेस्ट शतक बनाया। यह पारी उनकी धैर्य, तकनीक और मानसिक मजबूती का बेहतरीन उदाहरण रही। उनकी इस जुझारू पारी ने दक्षिण अफ्रीका को मैच में मजबूती प्रदान की।
Senuran Muthusamy Century: भारतीय मूल की जड़ें और संघर्ष से भरी कहानी
मुथुसामी भारतीय मूल के हैं और उनके पूर्वज तमिलनाडु के नागापट्टिनम से संबंध रखते हैं। हालांकि उनका जन्म दक्षिण अफ्रीका के डरबन में हुआ। उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट की तरफ प्रेरित किया, लेकिन जब मुथुसामी सिर्फ 11 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनकी मां वाणी मूडली ने अकेले ही बेटे को बड़ा किया और उसकी क्रिकेटिंग यात्रा को आगे बढ़ाया। खुद खेल सीखकर बेटे की तकनीक के वीडियो रिकॉर्ड कर उनकी मदद करना उनकी समर्पण की मिसाल है।
Senuran Muthusamy Century: पिता का सपना पूरा किया
मुथुसामी के पिता का सपना था कि उनका बेटा दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करे, और मुथुसामी ने उसे सच किया। उन्होंने 2019 में भारत के खिलाफ विशाखापट्टनम टेस्ट में डेब्यू किया था। दिलचस्प बात यह है कि करियर का पहला शतक भी उन्होंने भारत के खिलाफ ही लगाया—वो भी भारत की धरती पर।गुवाहाटी टेस्ट में मुथुसामी की सेंचुरी कई मायनों में ऐतिहासिक रही।पिछले 15 वर्षों में भारत में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट शतक केवल दो खिलाड़ियों ने लगाया है—क्विंटन डिकॉक (2019) और अब सेनुरन मुथुसामी।मुथुसामी पिछले 6 सालों में भारत में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी बने हैं।इससे पहले यह उपलब्धि 2019 में डीन एल्गर ने हासिल की थी।
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गजों की सूची में शामिल
भारत में शतक से पहले भी मुथुसामी उपमहाद्वीप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। वे पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी फिफ्टी प्लस स्कोर बना चुके हैं। इस तरह भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश में 50+ स्कोर करने वाले वे चौथे साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले यह उपलब्धि टेंबा बावुमा, मार्क बाउचर और ग्रेम स्मिथ के नाम रही है।सेनुरन मुथुसामी की यह पारी सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि संघर्ष, साहस और सपनों को पूरा करने की प्रेरक कहानी है। भारतीय मूल का यह खिलाड़ी अब न केवल दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की नई उम्मीद बन गया है, बल्कि उपमहाद्वीप में अपनी विश्वसनीय बल्लेबाजी का मजबूत सबूत भी दे चुका है।
Read more: परिवारिक त्रासदी: पत्नी-बच्चों की गला दबाकर हत्या, आरोपी पति ने भी दी जान; दुमका में सनसनी
