Pak-Afghan Relations: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर हालिया हिंसक झड़पों के बाद उत्पन्न तनाव के बीच अब दोनों देशों के रिश्तों में नरमी के संकेत नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उनका देश अफगानिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते कि इस्लामाबाद की ‘उचित शर्तें’ मानी जाएं।यह बयान शहबाज शरीफ ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीमा पर हालिया टकराव के बाद स्थायी समाधान की तलाश में है और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
सीमा विवाद और सीजफायर की स्थिति
पिछले दिनों कंधार-चमन सीमा पर अफगान और पाकिस्तानी बलों के बीच घातक गोलीबारी हुई, जिसमें कई नागरिकों की जान चली गई। इसके बाद तनाव और अधिक बढ़ गया था। हालांकि, तालिबान प्रशासन की पहल पर दोनों देशों के बीच 48 घंटे का युद्धविराम (सीजफायर) लागू किया गया है, जो 15 अक्टूबर को शाम 6 बजे से प्रभावी हुआ। शहबाज शरीफ ने कहा “हमने 48 घंटे का अस्थायी युद्धविराम लागू किया है। अब गेंद अफगानिस्तान के पाले में है। अगर वे हमारी उचित शर्तों पर सहमत होते हैं, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं।”
‘ईमानदारी और गंभीरता’ की उम्मीद
शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान को गंभीरता दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान सरकार ईमानदारी से बातचीत चाहती है, तो उसे पहल करनी होगी। पाकिस्तान के सहयोगी देशों जैसे कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका को भी उन्होंने सराहा और उम्मीद जताई कि स्थायी समाधान निकलेगा।
आतंकवाद को लेकर सख्त रुख
शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि अफगान भूमि का उपयोग किसी आतंकी गतिविधि के लिए न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर यह सीजफायर सिर्फ समय काटने के लिए है, तो पाकिस्तान इसे स्वीकार नहीं करेगा।” उन्होंने “फ़ितना अल-ख़वारिज” का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि आतंकी तत्वों का सफाया हो और अफगानिस्तान की जमीन को आतंकवाद के गढ़ के रूप में इस्तेमाल न किया जाए।
फिलिस्तीन को लेकर दोहराया समर्थन
शहबाज शरीफ ने फिलिस्तीनियों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर अपने मुस्लिम भाइयों के साथ खड़ा है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य मुस्लिम देशों जैसे मिस्र, तुर्की, जॉर्डन, इंडोनेशिया आदि के प्रयासों की सराहना की।,पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से जारी सीमा विवाद और हालिया हिंसक झड़पों के बाद अब शांति की संभावनाएं बनी हैं। हालांकि, शहबाज शरीफ के बयानों से साफ है कि पाकिस्तान केवल उचित शर्तों और अफगानिस्तान की गंभीरता के आधार पर ही आगे बढ़ेगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि तालिबान सरकार इस बातचीत के लिए क्या रुख अपनाती है।
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