Sharbat Jihad Row: योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इसका कारण उनका एक नया वीडियो है. वीडियो में उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिससे विवाद खड़ा हो गया. ‘पतंजलि प्रोडक्ट्स’ के फेसबुक अकाउंट पर शेयर किए गए एक वीडियो में बाबा रामदेव ने “शरबत जिहाद” पर बात की जिसके बाद एक नई बहस का सिलसिला शुरू हो गया है।
बाबा रामदेव ने हाल ही में शरबत जिहाद के आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि एक कंपनी जो शरबत बेचती है, वह अपने मुनाफे से मदरसों और मस्जिदों का निर्माण करती है।
वायरल वीडियो में ऐसा क्या ?
बताते चले कि, बाबा रामदेव का यह विवादित बयान एक हफ्ते पुराना है और यह वीडियो 3 अप्रैल को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। वीडियो में बाबा रामदेव ने शरबत और सॉफ्ट ड्रिंक्स की आलोचना करते हुए कहा कि लोग इन उत्पादों को ठंडा पीने के नाम पर टॉयलेट क्लीनर की तरह इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शरबत के नाम पर एक कंपनी शरबत बेचती है और उसके पैसे से मस्जिद और मदरसा बनवाए जाते हैं।
अगर लोग पतंजलि का शरबत पीते हैं…
अपने बयान में बाबा रामदेव ने आगे कहा कि यह किसी का व्यक्तिगत धर्म है, लेकिन वह यह स्वीकार नहीं कर सकते कि इन पैसों से धार्मिक संस्थान बनाए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग पतंजलि का शरबत पीते हैं, तो इससे गुरुकुल और आचार्यकुलम जैसे संस्थान बनेंगे। बाबा रामदेव ने अपने इस बयान को ‘शरबत जिहाद’ करार दिया और इसे वोट जिहाद और लव जिहाद की तरह एक और समाज में फैलने वाली समस्या बताया।
बाबा रामदेव का विवादित बयान
बताते चले कि, बाबा रामदेव का यह बयान अब सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ लोगों ने बाबा रामदेव के बयान का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने इसे विवादित और भड़काऊ बताया है। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या बाबा रामदेव का यह बयान समाज में और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करेगा।
पतंजलि के उत्पादों का प्रचार करते हुए बाबा रामदेव ने दी चेतावनी
बाबा रामदेव ने इस वीडियो में यह भी कहा कि शरबत जिहाद से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहना चाहिए और अपने परिवार को ऐसे उत्पादों से बचाना चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कंपनी के उत्पादों से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और लोग अपने बच्चों के लिए स्वस्थ और संस्कारपूर्ण शिक्षा हासिल करेंगे।
बाबा रामदेव के इस बयान को लेकर अब तक विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। जहां कुछ लोग इसे उनकी धार्मिक पहचान के कारण सही मानते हैं, वहीं कई लोग इसे समाज में नफरत और भेदभाव फैलाने वाला मानते हैं। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि इस मामले पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे और बाबा रामदेव के इस बयान का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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