Share Market Crash Today: सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोलंबिया पर 25 फीसदी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने के बाद भारतीय शेयर बाजारों में घबराहट फैल गई, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स में महत्वपूर्ण गिरावट आई। इस खबर के बाद निफ्टी 50 इंडेक्स 152.05 अंक यानी 0.66 प्रतिशत गिरकर 22,940.15 पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स में 490.03 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,700.43 पर खुला। निवेशक इस निर्णय के संभावित वैश्विक व्यापार प्रभाव को लेकर चिंतित हैं, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है।
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क्या था ट्रंप का कारण?

ट्रंप के इस कदम के पीछे की वजह एक विवादास्पद मामला है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने का वादा किया था। इसके तहत, उन्होंने दो अमेरिकी सैन्य विमानों को कोलंबिया भेजा था, जो निर्वासित अप्रवासियों को वापस ले आए। हालांकि, कोलंबिया सरकार ने इन विमानों को अपने देश में उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस पर ट्रंप ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कोलंबिया से आयात होने वाली चीजों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान कर दिया।
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बाजार पर असर और निवेशकों की प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद से वैश्विक व्यापार माहौल में अस्थिरता बढ़ गई है, जिससे भारतीय बाजार पर भी नकारात्मक असर पड़ा। इस समय भारतीय निवेशकों का जोर बिकवाली पर था, क्योंकि वे ट्रंप के इस कदम को वैश्विक व्यापार के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं।

कोलंबिया द्वारा अमेरिकी सैन्य विमानों को उतरने की अनुमति न देने के बाद बाजार में बढ़ी अस्थिरता ने निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया, और वे अपने निवेश को बेचने की ओर बढ़े।
इसके अलावा, कोलंबिया ने अब होंडुरास से अप्रवासियों को ले जाने के लिए अपने राष्ट्रपति विमान का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है, लेकिन इससे पहले ही बाजार की स्थिति नकारात्मक हो चुकी थी।
टैरिफ का प्रभाव

विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप के इस कदम का असर केवल अमेरिकी-कोलंबिया व्यापार पर नहीं, बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी व्यापक रूप से पड़ सकता है। व्यापार शुल्क (टैरिफ) को एक ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल करने से व्यापार संबंधों में और अधिक तनाव आ सकता है, जिससे व्यापार युद्ध का खतरा बढ़ जाता है। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है, और खासकर उन देशों को नुकसान हो सकता है जो अमेरिका और कोलंबिया के व्यापार साझीदार हैं।

