Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 7 अप्रैल को एक बड़ी दुर्घटना देखी गई, जिसे अब ब्लैक मंडे का नाम दिया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारी टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद से दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली का माहौल है। इस बिकवाली का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा, और सेंसेक्स ने 3300 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की, वहीं निफ्टी भी करीब 1000 अंक टूट गया। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैप में 19.39 लाख करोड़ रुपये की कमी आई, जिससे निवेशकों की संपत्ति में भारी गिरावट आई।
भारत में सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
ग्लोबल बाजारों में हो रही गिरावट के चलते भारतीय बाजार भी बुरी तरह प्रभावित हुए। बीएसई सेंसेक्स ने 3379.19 अंक यानी 4.48 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 72,623 पर कारोबार किया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 1,056.05 अंक (4.61 प्रतिशत) गिरकर 21,848.40 पर पहुंच गया। इस गिरावट ने निवेशकों को झटका दिया, क्योंकि बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 4.70 फीसदी की गिरावट हुई, और निफ्टी भी करीब 1000 अंक गिरा।
एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भी गिरावट
इस गिरावट का असर सिर्फ भारतीय बाजारों तक सीमित नहीं रहा। एशियाई बाजारों में भी टैरिफ के कारण भारी गिरावट देखने को मिली। हांगकांग के शेयर बाजारों में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि चीन और जापान के बाजारों में 6 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के एस एंड पी 200 में 6.5 प्रतिशत, और दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई।अमेरिकी बाजारों में भी स्थिति काफी खराब रही। एसएंडपी 500 और नैस्डैक में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं डाओ फ्यूचर्स में 900 प्वाइंट्स की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी मार्केट में शुक्रवार को करीब 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी, और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो अमेरिकी शेयर बाजार का हाल 1987 की तरह हो सकता है।
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1987 जैसा डर, जिम क्रेमर की चेतावनी
मौजूदा स्थिति को लेकर अमेरिकी टीवी पर्सनालिटी और मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने काफी डरावना अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि 7 अप्रैल, 1987 की तरह यह दिन शेयर बाजार के लिए सबसे बुरा साबित हो सकता है। जिम क्रेमर ने सीएनबीसी पर अपने शो Mad Money में कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों से संपर्क नहीं किया जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो यह 1987 जैसा क्रैश हो सकता है।
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निवेशकों के लिए मुश्किल समय
इस भारी गिरावट से निवेशक काफी चिंतित हैं और बाजार की स्थिति को लेकर आशंकित हैं। जहां एक ओर अमेरिकी और एशियाई बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है, वहीं भारतीय बाजारों में भी लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति अगर और बिगड़ी, तो बाजार में और अधिक गिरावट देखी जा सकती है, जिससे निवेशकों के लिए मुश्किल समय सामने आ सकता है।