Share Market 2025:साल 2025 में वैश्विक व्यापार युद्ध और बढ़ते टैरिफ के कारण भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ शुल्क के ऐलान के बाद दुनियाभर के बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। खासकर भारतीय शेयर बाजार में सोमवार, 7 अप्रैल को कोहराम मच गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों की संपत्ति में 19.39 लाख करोड़ रुपये की कमी आई।
सेंसेक्स में 3300 अंक की गिरावट आई, यानी करीब 4.70% की बड़ी कमी हुई। वहीं, निफ्टी 50 भी करीब 1000 अंक टूटकर 21,848 के स्तर पर बंद हुआ। इसका सीधा असर उन कंपनियों की मार्केट वैल्यू पर पड़ा, जिनके शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। विशेष रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, टाटा स्टील, और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। इन कंपनियों के शेयरों में 5% से 10% तक का नुकसान हुआ।
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वैश्विक बाजारों पर टैरिफ का प्रभाव
ट्रंप के टैरिफ का असर केवल भारतीय बाजारों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भी भारी गिरावट आई। हांगकांग के बाजार में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि चीन और जापान के बाजारों में 6 प्रतिशत तक की कमी देखी गई। अमेरिका में भी एसएंडपी 500 और नैस्डैक इंडेक्स में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, और डाउ फ्यूचर्स में 900 अंक नीचे गए। जापान के निक्केई इंडेक्स में भी शुरुआत से ही भारी गिरावट देखी गई।
निवेशकों के लिए एक बुरा दिन
इस सप्ताह शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहने का अनुमान है। मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक, पुनीत सिंघानिया ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ के बाद व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह अमेरिकी और भारतीय बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बाजार में इस सप्ताह विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि कैसे विदेशी निवेशक और कच्चे तेल की कीमतों का असर होता है।
विशेषज्ञों का भयावह अनुमान
इसी बीच, अमेरिकी टीवी पर्सनालिटी और स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ विवाद नहीं सुलझे, तो बाजार में 1987 जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। क्रेमर ने कहा कि अगर स्थिति संभाली नहीं गई तो सोमवार, 7 अप्रैल को शेयर बाजार के लिए एक बुरा दिन साबित हो सकता है।
भारतीय शेयर बाजार पर असर
भारत के प्रमुख बाजारों में सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट ने निवेशकों के चेहरे पर चिंता बढ़ा दी है। 7 अप्रैल को सेंसेक्स में 3379.19 अंक यानी 4.48 प्रतिशत की गिरावट आई, और निफ्टी 1056.05 अंक यानी 4.61 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैप 19.39 लाख करोड़ रुपये घट गई। इन कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस जैसे दिग्गज शामिल हैं, जिनके शेयरों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई।
आगे का क्या होगा?
अगले कुछ दिनों में बाजार की स्थिति और भी जटिल हो सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अन्य देशों से संपर्क नहीं किया, जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। भारतीय निवेशक इस सप्ताह के दौरान अमेरिकी और भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं।इसके अलावा, 9 अप्रैल को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का परिणाम भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा। निवेशक इस दौरान भारत और अमेरिका के अर्थव्यवस्था से संबंधित आंकड़ों पर नजर बनाए रखेंगे।

