Shashi Tharoor Praise: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भाषण की खुलकर सराहना की। उन्होंने इसे न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक बताया। थरूर के अनुसार, यह भाषण राष्ट्र को प्रगति की दिशा में सक्रिय रहने की प्रेरणा देता है।थरूर का यह बयान कांग्रेस के भीतर विवाद का कारण बन गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता थरूर के इस कदम पर सवाल उठाने लगे और उनकी आलोचना की। यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने पार्टी के दृष्टिकोण से अलग होकर केंद्र सरकार की नीतियों की सराहना की है, जिससे कांग्रेस में हलचल मच गई है।
Shashi Tharoor Praise: संदीप दीक्षित का थरूर पर तीखा हमला
कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने शशि थरूर पर तीखा हमला करते हुए कहा कि थरूर को पार्टी और देश के मूल सिद्धांतों की पूरी समझ नहीं है। दीक्षित ने कहा, “अगर किसी को लगता है कि केंद्र सरकार की नीतियां देश के लिए बेहतर हैं, तो उन्हें उसी दिशा में काम करना चाहिए, और अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें कांग्रेस में रहने का कोई अधिकार नहीं।” उनके अनुसार, अगर थरूर मानते हैं कि बीजेपी की नीतियां कांग्रेस की नीतियों से बेहतर हैं, तो उन्हें इसका औचित्य स्पष्ट करना चाहिए।
Shashi Tharoor Praise: सुप्रिया श्रीनेत ने भी सवाल उठाए
कांग्रेस की दूसरी वरिष्ठ नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी थरूर के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे पीएम मोदी के भाषण में कुछ ऐसा नहीं लगा जिसे सराहा जाना चाहिए था।” श्रीनेत ने थरूर से पूछा कि उन्हें उस भाषण में ऐसा क्या देखने को मिला जो उन्हें प्रेरणादायक लगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को पत्रकारिता से जुड़े कई सवालों का जवाब देना चाहिए था, जिनका उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सही तरीके से जवाब नहीं दिया।
शशि थरूर का विश्लेषण
इस सप्ताह की शुरुआत में, शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि यह भाषण केवल भारत को एक ‘उभरते हुए बाजार’ के रूप में नहीं, बल्कि एक ‘उभरते हुए मॉडल’ के रूप में प्रस्तुत करता है। थरूर के अनुसार, भारत की आर्थिक मजबूती अब वैश्विक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी पर यह आरोप है कि वे हमेशा ‘चुनाव मोड’ में रहते हैं, लेकिन उनका मानना था कि पीएम मोदी वास्तव में लोगों की समस्याओं को समझने और हल करने के लिए ‘इमोशनल मोड’ में रहते हैं।
कांग्रेस में पार्टी निष्ठा पर उठे सवाल
थरूर के बयान ने कांग्रेस में एक और बहस छेड़ दी है कि क्या पार्टी के सदस्य केंद्र सरकार की नीतियों की सराहना कर सकते हैं। कुछ नेता इस विचार को पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ मानते हैं, जबकि कुछ इसे व्यक्तिगत विचार और स्वतंत्रता के रूप में देख रहे हैं। इस विवाद ने कांग्रेस में विचारधारा और नेतृत्व की विभिन्न शैलियों के बीच के मतभेदों को उजागर किया है।विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद कांग्रेस के भीतर नेतृत्व की दिशा और रणनीति को प्रभावित कर सकता है। यह घटना दिखाती है कि पार्टी के भीतर विचारधारा को लेकर मतभेद हैं, और थरूर का पीएम मोदी की नीतियों की सराहना करने से यह बहस और तेज हो सकती है। यह कांग्रेस के लिए एक चुनौती है कि वह पार्टी के सिद्धांतों और व्यक्तिगत राय के बीच संतुलन बनाए रखें।
थरूर का बयान और कांग्रेस में विचारधारा की बहस
शशि थरूर का पीएम मोदी के भाषण की सराहना करना कांग्रेस में एक नए विवाद का कारण बना है। जबकि थरूर ने इसे आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से प्रेरणादायक बताया, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसे पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ माना। इस मामले ने पार्टी के भीतर विचारधारा और नेतृत्व की बहस को और बढ़ा दिया है और भविष्य में इसकी रणनीतिक दिशा पर प्रभाव डाल सकता है।
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