Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई लंच मीटिंग पर तीखा कटाक्ष किया है। थरूर ने व्यंग्य करते हुए कहा कि मुनीर ने ट्रंप की तारीफ में नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश की थी और उसके एवज में उन्हें व्हाइट हाउस में लंच का इनाम मिल गया। उन्होंने कहा, “उम्मीद है, उन्हें ‘फूड फॉर थॉट’ भी मिला होगा।”
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थरूर बोले – नोबेल की बात के बाद मिला लंच
शशि थरूर ने व्हाइट हाउस के हवाले से कहा कि जनरल मुनीर ने कभी यह कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। इसी बात पर तंज कसते हुए थरूर बोले, “इसके तुरंत बाद उन्हें व्हाइट हाउस में लंच से पुरस्कृत किया गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें उम्मीद है, भोजन के साथ-साथ उन्हें सोचने लायक कुछ बातें भी दी गई होंगी।
अमेरिका को 9/11 की याद दिलाई
थरूर ने आगे उम्मीद जताई कि अमेरिका, पाकिस्तान को यह जरूर याद दिलाएगा कि उसकी धरती पर पनप रहा आतंकवाद कितना खतरनाक है। उन्होंने अमेरिका से अपील की कि वह 9/11 के हमलों को न भूले और पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दे। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि अमेरिका पाकिस्तान को बताए कि आतंकवादियों को शरण देना, उन्हें हथियार और वित्तीय सहायता देना, और भारत में भेजना पूरी तरह अस्वीकार्य है।”
लंच के साथ मिला होगा सख्त संदेश: थरूर
थरूर ने व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा, “जब जनरल मुनीर को शराब पिलाई जा रही थी या लंच कराया जा रहा था, तब शायद अमेरिका ने उन्हें कुछ सख्त संदेश भी दिए होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के हित में यह जरूरी है कि वह पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी दे।
मोदी-ट्रंप बातचीत और युद्धविराम पर प्रतिक्रिया
थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई टेलीफोन बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ट्रंप ने किसी पर दबाव डाला होगा तो वह सिर्फ पाकिस्तान पर रहा होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने अमेरिका से किसी भी प्रकार की मध्यस्थता की मांग नहीं की है।
उपराष्ट्रपति से मुलाकात पर कांग्रेस का बचाव
जब कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका के उपराष्ट्रपति से मुलाकात की तुलना मुनीर और ट्रंप की सीधी मुलाकात से की गई, तो थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही राष्ट्रपति से मिल चुके थे। संसदीय प्रतिनिधिमंडल का उपराष्ट्रपति से मिलना संसदीय शिष्टाचार के तहत उचित है।
आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख दोहराया
शशि थरूर ने जोर देते हुए कहा कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ वाली है और इसका संदेश उन्होंने विश्व की विभिन्न राजधानियों में स्पष्ट रूप से दिया है। उन्होंने कहा, “आतंकवादी और उनके पीड़ित समान नहीं होते। इस विचारधारा को विश्व मंच पर रखना जरूरी है।”
शशि थरूर ने अपनी विशेष शैली में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों को लेकर करारा व्यंग्य किया है। साथ ही, भारत की सख्त आतंकवाद नीति और कूटनीतिक स्थिति को दोहराते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के पक्ष को मजबूती से रखा।
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