Shravani Mela 2025: श्रावणी मेला 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से होने जा रही है। बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर बोल बम के नारों के साथ पहुंचेंगे। इस अवसर पर देवघर और दुमका जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक तैयारियों में जुटा हुआ है।
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रूट लाइन में परिवर्तन

इस साल श्रावणी मेला के दौरान रूट व्यवस्था में अहम बदलाव किया गया है। चार लेन सड़क निर्माण कार्य के कारण प्रशासन ने रूट को वन-वे घोषित किया है। देवघर से बासुकीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को हंसडीहा, नोनीहाट और मोहनपुर के रास्ते जाना होगा। वहीं बासुकीनाथ से देवघर लौटने वाले श्रद्धालु तालझारी और घोरमारा मार्ग से आएंगे। यह बदलाव भीड़ प्रबंधन और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान
श्रावणी मेले के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। विशेष शाखा के आईजी ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर गृह सचिव और डीजीपी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देशभर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर हुई घटनाओं को देखते हुए बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ धाम पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।
संदिग्ध वस्तुओं पर नजर
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि मेले में अगर कोई संदिग्ध या लावारिस वस्तु मिले तो उसे तत्काल हटाया जाए। मेले में भारत के अलावा नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से भी श्रद्धालु आते हैं, इसीलिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।
ड्रोन से निगरानी
मेले के दौरान मेला क्षेत्र पर ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। साथ ही सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रांची पुलिस मुख्यालय से विशेष बलों की मांग की गई है।
इनमें एसटीएफ, एटीएस, जगुआर और एनडीआरएफ की टीमें शामिल होंगी। इसके अलावा, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी भी लगातार गश्त करेंगे और श्रद्धालुओं की सहायता करेंगे।
श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि
प्रशासन का उद्देश्य है कि कांवड़ियों को किसी तरह की असुविधा न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए दिन-रात कार्य जारी है। साफ-सफाई, चिकित्सा सुविधा, जलापूर्ति और यातायात नियंत्रण की दिशा में भी तेजी से कार्य हो रहा है, जिससे भक्तों को सुगमता और सुरक्षित रूप से बाबा के दर्शन कर सकें।

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