SIA Raid Jammu: जम्मू में कश्मीर टाइम्स के मुख्य कार्यालय पर गुरुवार को स्टेट इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (SIA) ने छापेमारी की, जिसमें एजेंसी ने कई हथियार और संदिग्ध सामग्री बरामद की। SIA के अधिकारियों ने AK-47 की गोलियां, पिस्टल और ग्रेनेड का लिवर जब्त किया। एजेंसी के अनुसार, यह कार्रवाई कश्मीर टाइम्स अखबार पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता और आतंकवादी विचारधाराओं का समर्थन करने के आरोप में की गई है।
SIA Raid Jammu: कश्मीर टाइम्स और इसके संपादकों का परिचय
कश्मीर टाइम्स, जो कि पहले जम्मू से प्रकाशित होता था, अब मुख्य रूप से ऑनलाइन संचालित हो रहा है। यह अखबार पत्रकार वेद भसीन द्वारा स्थापित किया गया था, जिनके निधन के बाद उनकी बेटी अनुराधा भसीन और उनके पति प्रबोध जामवाल ने अखबार की बागडोर संभाली। हालांकि, दोनों अब अमेरिका में रहते हैं और वहां से अखबार का संचालन करते हैं। कश्मीर टाइम्स की वेबसाइट पर प्रबोध जामवाल को संपादक और अनुराधा भसीन को प्रबंध संपादक के रूप में दर्शाया गया है।
SIA Raid Jammu: पहले FIR और अब छापेमारी की कार्रवाई
छापेमारी सुबह करीब छह बजे शुरू हुई, और SIA अधिकारियों ने कश्मीर टाइम्स के प्रबंधक संजीव केरनी को उनके घर से बुलाकर कार्यालय खोलने को कहा। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छापेमारी उस FIR के बाद की गई है, जो कुछ दिन पहले कश्मीर टाइम्स के खिलाफ दर्ज की गई थी। FIR में अखबार द्वारा कुछ संदिग्ध गतिविधियों और सामग्री को प्रकाशित करने के आरोप लगाए गए थे, जिनकी जांच जारी है।
पिछली छापेमारी और देशविरोधी कंटेंट की आशंका
यह पहली बार नहीं है जब कश्मीर टाइम्स के दफ्तर पर छापेमारी की गई है। इससे पहले भी अखबार के जम्मू और कश्मीर कार्यालय में देशविरोधी कंटेंट के आरोप में छापेमारी हो चुकी है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से कश्मीर टाइम्स का प्रिंट संस्करण बंद है, और अब यह अखबार केवल ऑनलाइन प्रकाशित हो रहा है। इस दौरान, जम्मू और कश्मीर में देशविरोधी गतिविधियों को लेकर लगातार छापेमारी की जा रही है, खासकर 10 नवंबर को दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद से।
पुलिस की कार्रवाई और जांच का केंद्र
दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद जम्मू समेत कई शहरों में छापेमारी का सिलसिला जारी है। पुलिस ने अब तक कई लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस की जांच का मुख्य केंद्र फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी है, जहां से कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के लिंक मिले हैं। इनमें डॉक्टर उमर, डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने हाल ही में यहां भी छापेमारी की थी।
कश्मीर टाइम्स की प्रतिक्रिया
कश्मीर टाइम्स ने इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक सुनियोजित कार्रवाई बताया, जिसका उद्देश्य उन्हें चुप कराना है। अखबार ने एक बयान में कहा, “सरकार की आलोचना करना राज्यविरोधी होने के समान नहीं है। वास्तव में, यह लोकतंत्र के लिए जरूरी है। एक मजबूत और सवाल उठाने वाला प्रेस हमारे देश को मज़बूत करता है, न कि कमजोर।” कश्मीर टाइम्स का यह भी कहना था कि वे लगातार सत्ता के सामने सच बोलने का काम कर रहे हैं, जबकि आलोचनात्मक आवाज़ें कम होती जा रही हैं। ऐसे में, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे स्वतंत्र रूप से सत्ता और भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते रहते हैं।
कश्मीर टाइम्स ने यह भी कहा कि आज के समय में जब स्वतंत्र और आलोचनात्मक मीडिया की संख्या कम हो रही है, वे उन चंद मीडिया संस्थानों में से एक हैं जो सत्ता के सामने सच बोलने का साहस रखते हैं। अखबार ने यह स्पष्ट किया कि वे हमेशा अपनी स्वतंत्रता बनाए रखते हुए, सार्वजनिक हित के मामलों पर निर्भीकता से प्रकाश डालते रहेंगे।
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