SIR 2025: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण शुरू करने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। पहले बिहार में यह प्रक्रिया शुरू हुई थी, अब यह 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होगी। इस प्रक्रिया के तहत मतदाता अपने दस्तावेज प्रस्तुत करके मतदाता सूची में अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं।
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किन राज्यों में होगी प्रक्रिया
मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025 का दूसरा चरण निम्नलिखित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होगा।
- अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह
- छत्तीसगढ़
- गोवा
- गुजरात
- केरल
- लक्षद्वीप
- मध्य प्रदेश
- पुड्डुचेरी
- राजस्थान
- तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
इन सभी क्षेत्रों के मतदाता इस प्रक्रिया में भाग लेकर अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं।
कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
चुनाव आयोग ने SIR में प्रस्तुत किए जाने वाले वैध दस्तावेजों की सूची भी जारी की है। यदि आपके पास ये दस्तावेज नहीं हैं, तो आपके नाम का SIR में दर्ज होना मुश्किल हो सकता है। आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं:
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर
- सरकारी या स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- शैक्षणिक प्रमाण पत्र
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- एनआरसी (National Register of Citizens)
- राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर
- जमीन या मकान आवंटन प्रमाण पत्र
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SIR प्रक्रिया का शेड्यूल
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, SIR के दूसरे चरण का शेड्यूल इस प्रकार है:
- 28 अक्टूबर 2025 से 3 नवंबर 2025: प्रिंटिंग और ट्रेनिंग का कार्य
- 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025: घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र करना
- 9 दिसंबर 2025: मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी
- 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026: ड्राफ्ट सूची पर क्लेम और ऑब्जेक्शन का समय
- 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026: सुनवाई और वेरिफिकेशन का चरण
- 7 फरवरी 2026: फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन
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मतदाता सूची में नाम क्यों जरूरी?
SIR प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी योग्य मतदाता सूची में शामिल हों। जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उनके नाम फाइनल सूची में शामिल होने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए मतदाताओं को अपने दस्तावेज समय पर प्रस्तुत करना चाहिए।
