SIR Controversy: चुनाव आयोग की चुप्पी पर बड़ा सवाल! BLO आत्महत्या पर कांग्रेस क्यों भड़की?

'SIR' चुनावी प्रक्रिया के दबाव के कारण BLOs की लगातार हो रही आत्महत्याओं पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है! कांग्रेस ने इसे 'हत्या' बताते हुए EC की चुप्पी पर सवाल उठाया है। आखिर यह 'SIR' प्रक्रिया क्या है और BLOs पर कितना दबाव है, जिसके कारण इतने कर्मचारियों की जान जा रही है?

Chandan Das
SIR Controversy
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SIR Controversy: देश के 12 राज्यों में शुरू हुई मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर अब हंगामा खड़ा हो गया है। पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और अन्य कई राज्यों में इस प्रक्रिया के दौरान कई बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) की मौत हो चुकी है, जिनमें से कुछ ने आत्महत्या भी की है। इन घटनाओं के बाद विपक्ष ने सरकार और चुनाव आयोग पर तीखे हमले किए हैं, यह आरोप लगाते हुए कि बीएलओ पर अत्यधिक दबाव डाला जा रहा है, जिससे वे आत्महत्या जैसे कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की नेता और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर एक लंबा बयान जारी किया है।

SIR Controversy: सुप्रिया श्रीनेत का आरोप: बीएलओ की मौतें चिंता का विषय

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पिछले 19 दिनों में 7 राज्यों में 17 बीएलओ की मौत हुई है। उन्होंने इसे ‘वोट चोरी’ का गंभीर परिणाम बताया और कहा कि चुनाव आयोग और सरकार की तरफ से बीएलओ पर युद्धस्तर पर दबाव डाला जा रहा है, जिसके कारण उनकी जान जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएलओ और पोलिंग अफसरों की मौतों, खासकर आत्महत्या की घटनाएं, एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं।

SIR Controversy: राज्यवार बीएलओ की मौतें

सुप्रिया श्रीनेत ने बीएलओ की मौतों की राज्यवार जानकारी भी साझा की। उनके मुताबिक, गुजरात में 4, पश्चिम बंगाल में 3, उत्तर प्रदेश में 1, केरल में 1, मध्य प्रदेश में 4, राजस्थान में 3, और तमिलनाडु में 1 बीएलओ की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, एक बीएलओ ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हो जाता है कि SIR प्रक्रिया के दौरान बीएलओ पर अत्यधिक दबाव और तनाव के कारण कई जानें चली गई हैं।

सुप्रिया श्रीनेत का सवाल: ऐसी हड़बड़ी क्यों?

सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाया कि आखिरकार एसआईआर प्रक्रिया को लेकर इतनी जल्दी क्यों है? उन्होंने पूछा कि ऐसी कौन सी हड़बड़ी है जो लोगों की जान से ज्यादा कीमती है। उनका आरोप था कि इन निर्दोष बीएलओ की मौतों के लिए सीधे तौर पर चुनाव आयोग, उनके प्रमुख ज्ञानेश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह वही सरकार है जिसने नोटबंदी और लॉकडाउन जैसे तुगलकी फैसले लिए थे, जिसकी भारी कीमत देश ने चुकाई।

चुनाव आयोग पर हमला: क्यों चुप है आयोग?

सुप्रिया श्रीनेत ने चुनाव आयोग की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि जब वोट चोरी की वजह से किसी की जान जाती है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने चुनाव आयोग, खासतौर पर आयोग के प्रवक्ता ज्ञानेश कुमार से पूछा कि क्या उन्हें मृतकों के परिवारों से मिलकर उनके दुख में शामिल होने की हिम्मत है? सुप्रिया ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग इस मामले में कुछ नहीं कर रहा और सिर्फ ड्रामा कर रहा है।

SIR के खिलाफ विपक्ष का विरोध जारी

विपक्ष ने शुरू से ही एसआईआर की प्रक्रिया का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के जरिए सरकार वोट चोरी करवा रही है। एसआईआर की शुरुआत सबसे पहले बिहार में हुई थी, जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे और एनडीए को बड़ी जीत मिली थी। बिहार के चुनाव नतीजों के बाद से विपक्ष और भी जोरदार तरीके से सरकार पर हमला बोल रहा है। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्यों बीएलओ के ऊपर इतना प्रेशर डाला जा रहा है और चुनाव आयोग इस पर चुप्पी साधे हुए है।

बीएलओ पर दबाव और चुनाव आयोग से सवाल

विपक्ष का कहना है कि SIR प्रक्रिया के तहत बीएलओ पर लगातार बढ़ते दबाव के कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, और इसी वजह से कई बीएलओ आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्यों इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही, और सरकार की जिम्मेदारी क्या है जब जनता के कामकाजी कर्मचारी खुद की जान गंवा रहे हैं?

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