SIR Controversy: देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर बढ़ते विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 10 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को दिल्ली में चुनाव आयोग पहुंचा। लगभग दो घंटे चली बैठक में सांसदों ने आयोग के सामने कई गंभीर आरोप रखे और विस्तृत जानकारी मांगी। मीटिंग के बाद बाहर आकर सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि उन्होंने SIR प्रक्रिया के चलते मारे गए लगभग 40 लोगों की सूची आयोग को सौंपी है।
SIR Controversy: TMC का तीखा हमला
डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि बैठक की शुरुआत उन्होंने इस कहकर की कि चीफ इलेक्शन कमिश्नर और उनकी टीम के हाथ “खून से रंगे” हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग से पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे, लेकिन किसी का भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। ओ’ब्रायन के अनुसार मीटिंग का माहौल तनावपूर्ण रहा और विपक्ष के आरोप जस के तस बने हुए हैं।SIR प्रक्रिया को लेकर विपक्ष पहले ही सड़कों से लेकर संसद तक सरकार पर सवाल उठा रहा है। 1 दिसंबर से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र इस मुद्दे पर गरमाने वाला है। विपक्षी दलों ने संकेत दिया है कि वे SIR के जरिए कथित रूप से “वोटर सूची में गड़बड़ी” और “मतदाता अधिकारों से छेड़छाड़” के आरोपों पर जोरदार हंगामा कर सकते हैं।
SIR Controversy: कांग्रेस का आरोप: “BLO की मौतें हत्या के बराबर”
कांग्रेस ने भी SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि 20 दिनों में 26 BLOs की मौतें “दिनदहाड़े हत्या” जैसी हैं। उन्होंने गोंडा के BLO विपिन यादव का जिक्र करते हुए दावा किया कि उन पर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के नाम सूची से हटाने का दबाव था। सुप्रिया ने कहा कि SIR जितनी तेजी से चलाया जा रहा है, वह बेहद संदिग्ध है।सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि SIR कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह मताधिकार को प्रभावित करने का सबसे शक्तिशाली तरीका बन गया है। उनके अनुसार, इतनी जल्दबाजी में SIR करवाने की कोशिश यह साबित करती है कि इसमें पारदर्शिता की कमी है और इसे गलत इस्तेमाल करने की आशंका ज्यादा है।
SIR मामला सुप्रीम कोर्ट में, 2 दिसंबर को अगली सुनवाई
SIR प्रक्रिया का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। तमिलनाडु, बंगाल और केरल ने SIR के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल जानबूझकर डर का माहौल बना रहे हैं। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने केंद्र और राज्य चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।तमिलनाडु में दायर याचिका पर 4 दिसंबर को सुनवाई होगी, जबकि पश्चिम बंगाल की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई तय की गई है। इसी दिन चुनाव आयोग ड्राफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी करेगा। कोर्ट ने संकेत दिया कि यदि राज्य सरकार ठोस आधार प्रस्तुत करती हैं, तो SIR की समयसीमा बढ़ाने का निर्देश दिया जा सकता है।
12 राज्यों में जारी है SIR की दूसरी फेज की प्रक्रिया
चुनाव आयोग इस समय 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR के दूसरे चरण पर काम कर रहा है। पहली फेज की प्रक्रिया सितंबर में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूरी हो चुकी है। SIR में शामिल राज्यों में अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।ECI के शेड्यूल के अनुसार SIR का कार्य 4 नवंबर से शुरू हुआ है और 4 दिसंबर तक चलेगा। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी, जिसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज की जा सकेंगी। सुनवाई और सत्यापन की प्रक्रिया 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।
