DMK on SIR: बिहार विधानसभा चुनाव के शोर के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने मंगलवार से देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरु कर दी है लेकिन इस बीच तमिलनाडु की प्रमुख पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) ने SIR प्रक्रिया को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दे दी है। डीएमके का कहना है कि,निर्वाचन आयोग ने मनमाने ढंग से मतदाता सूची से लाखों मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं जिसके कारण अव वह अपने संवैधानिक अधिकार वोट डालने से भी वंचित हो गए हैं।
देश के 12 राज्यों में लागू होगी SIR प्रक्रिया

डीएमके के संगठन सचिव आर.एस.भारती ने सुप्रीमकोर्ट में एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ अर्जी दाखिल की है पार्टी ने मंगलवार को इस पर सुनवाई की अपील करते हुए सुप्रीमकोर्ट से इसमें दखल देने का आग्रह किया है।आर.एस.भारती द्वारा राज्य में एसआईआर लागू करने के लिए चुनाव आयोग की 27 अक्टूबर की अधिसूचना रद्द करने की मांग की गई है दायर याचिका में इसे संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 (समानता का अधिकार,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार) नियमों का उल्लंघन बताया है।
DMK ने सुप्रीमकोर्ट में दाखिल की याचिका
आपको बता दें कि,बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सर्वप्रथम एसआईआर प्रक्रिया को लागू किया गया जिसके विरोध में विपक्षी दलों ने सड़क से लेकर संसद तक हो-हल्ला मचाया लेकिन बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पूर्ण होने और चुनाव की तारीख नजदीक आते ही अब भारतीय निर्वाचन आयोग ने देश के 12 राज्यों में इसे लागू करने की घोषणा कर दी है जिसके बाद एक बार फिर से कई राज्यों में एसआईआर को लेकर विरोध दिखना शुरु हो गया है।
CM स्टालिन का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि,एसआईआर के जरिए वह मतदाताओं के अधिकार छीनने का काम कर रहे हैं जिसके मकसद असली मतदाताओं को हटाना है खासतौर पर उन मतदाताओं को जो भाजपा के विरोध में खड़े दिखाई देते हैं जिससे राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें हटाया जाए।स्टालिन ने कहा,बिहार में चुनाव से पहले इसका इस्तेमाल किया गया देखिए वहां असली वोटरों के नाम हटाने का इनके ऊपर आरोप भी लगा इसका विरोध कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य बिहार के नेताओं ने भी किया।
स्टालिन के बयान पर केंद्रीय मंत्री का जवाब

वहीं केंद्रीय मंत्री एल.मुरुगन ने डीएमके के ऐसे आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि,डीएमके एसआईआर का विरोध कर रही है जिससे भ्रष्टाचार हाल ही में हुए कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जनता का ध्यान भटकाया जा सके उन्होंने कहा,डीएमके एसआईआर पर भरोसा क्यों नहीं करती जबकि इसमें राज्य सरकार के अधिकारी ही शामिल हैं।
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