SIR Protest: SIR के खिलाफ कांग्रेस की रैली! क्या चुनाव आयोग बैकफुट पर आएगा?

वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) पर सियासी जंग तेज! कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने खुलेआम विरोध करते हुए कहा- वोटर्स को हटाने की कोशिश का हम करेंगे विरोध! तमिलनाडु के बाद अब दिल्ली में बड़ी रैली की तैयारी क्यों? क्या विपक्षी दलों को डर है कि कहीं लाखों मतदाताओं के नाम जानबूझकर तो नहीं काटे जा रहे? जानें पूरे विवाद का सच!

Chandan Das
SIR Protest
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SIR Protest:  कांग्रेस ने हाल ही में 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर अहम बैठक की। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रमुख रूप से शामिल हुए। इसके अलावा, संबंधित राज्यों के कांग्रेस प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के वरिष्ठ सदस्य भी बैठक में मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य SIR के खिलाफ पार्टी की रणनीति तैयार करना और आगामी रैलियों एवं विरोध कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाना था।

SIR Protest: दिल्ली में रैली की योजना

बैठक में निर्णय लिया गया कि कांग्रेस दिसंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली के रामलीला मैदान पर SIR के खिलाफ बड़ी रैली आयोजित करेगी। खड़गे ने बैठक में स्पष्ट किया कि कांग्रेस किसी भी सूरत में वोटर लिस्ट से असली मतदाताओं के नाम हटाने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का भरोसा कम हो रहा है और ऐसे में चुनाव आयोग का आचरण निराशाजनक है। खड़गे ने यह भी कहा कि यदि चुनाव आयोग भाजपा की छत्रछाया में काम करता है तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।

SIR Protest: कांग्रेस की चेतावनी

बैठक में खड़गे ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजेपी वोट चोरी के लिए SIR को हथियार बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि चुनाव आयोग इस मामले में चुप रहा, तो यह अस्वीकार्य होगा। कांग्रेस ने यह भी भरोसा दिलाया कि पार्टी असली मतदाताओं को हटाने या फर्जी मतदाताओं को शामिल करने की हर कोशिश का पर्दाफाश करेगी। पार्टी इस मुद्दे पर जनसंपर्क अभियान और रैलियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करेगी।निर्वाचन आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक 50.11 करोड़ फॉर्म बांटे जा चुके हैं और 98.32% वोटरों तक फॉर्म पहुंच गए हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल के बाद केरल और तमिलनाडु में इस प्रक्रिया का विरोध बढ़ता जा रहा है। तमिलनाडु में BLO और तहसील स्तर के अधिकारी मंगलवार से SIR का बायकॉट कर चुके हैं।

तमिलनाडु में कर्मचारियों का विरोध

तमिलनाडु के राजस्व कर्मचारी संघों ने कहा कि वे वर्कलोड, कर्मचारियों की कमी, समय सीमा का दबाव, अधूरी ट्रेनिंग और मेहनताना के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि वर्तमान हालात में SIR को करना कर्मचारियों के लिए असंभव है। इसके साथ ही, कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।केरल सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव पूरे होने तक SIR को स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार का तर्क है कि स्थानीय चुनावों के साथ-साथ SIR कराना व्यावहारिक रूप से कठिन है। राज्य सरकार का कहना है कि संसाधनों की कमी और समय का दबाव इसे लागू करना मुश्किल बना रहे हैं। वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर केंद्र और चुनाव आयोग पर लगातार दबाव बनाने की योजना बना रही है।

SIR के खिलाफ राजनीतिक

कांग्रेस की यह बैठक SIR के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा खोलने और 12 राज्यों में जनजागरण अभियान चलाने के इरादे का संकेत देती है। पार्टी अब तक पूरी तरह सतर्क है और असली मतदाताओं के हित में कदम उठाने के लिए तैयार है। बैठक और आगामी रैलियों के जरिए कांग्रेस का लक्ष्य है कि मतदाता सूची में किसी भी तरह की अनियमितताओं को सार्वजनिक किया जाए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा की जाए।

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