SIR: चुनाव आयोग ने मंगलवार से देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस अभियान में करीब 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। यह अभियान 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगा। यह SIR कार्यक्रम बिहार के बाद दूसरा चरण है। बिहार में लगभग 7.42 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची 30 सितंबर 2025 को जारी की गई थी।
किन राज्यों में चलेगा अभियान
आपको बता दें कि, इस चरण में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, गोवा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं। इनमें से तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव निर्धारित हैं। वहीं, असम में भी 2026 में चुनाव होंगे, लेकिन वहां नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है, इसलिए वहां SIR की घोषणा बाद में की जाएगी।
चार नवंबर से शुरू हुआ गणना चरण
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को SIR के दूसरे चरण की घोषणा की थी। इसके तहत यह प्रक्रिया 4 नवंबर से गणना चरण के साथ शुरू हो चुकी है, जो 4 दिसंबर तक चलेगी। 9 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जबकि 7 फरवरी 2026 को अंतिम सूची जारी होगी।
योग्य मतदाता सुनिश्चित करने का प्रयास
चुनाव आयोग का कहना है कि इस विशेष पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से न छूटे और कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो। ज्यादातर राज्यों में पिछला व्यापक SIR वर्ष 2002 से 2004 के बीच आयोजित किया गया था। आयोग का मानना है कि इतने लंबे अंतराल के बाद दोबारा यह प्रक्रिया जरूरी थी ताकि मतदाता सूचियों को अधिक सटीक और अद्यतन बनाया जा सके।
अवैध प्रवासियों की पहचान भी लक्ष्य
SIR अभियान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अवैध विदेशी मतदाताओं को सूची से बाहर करना है। यह कार्य मतदाताओं के जन्म स्थान और नागरिकता की जांच के माध्यम से किया जाएगा। आयोग के अनुसार, यह कदम विशेष रूप से बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के विरुद्ध कार्रवाई के मद्देनजर अहम है।
तमिलनाडु में नई मतदाता सूची तैयार होगी
चेन्नई से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने मद्रास हाई कोर्ट में बताया कि तमिलनाडु में SIR के तहत पूरी तरह से नई मतदाता सूची बनाई जाएगी। आयोग के वकील निरंजन राजगोपालन ने अदालत को बताया कि Annual Special Summary Revision (SSR) के विपरीत, SIR में प्रत्येक मतदाता का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा। SSR में केवल नाम जोड़ने, हटाने या सुधारने का प्रावधान होता है, जबकि SIR में सभी पुराने मतदाता भी पुन: सत्यापन के दायरे में आएंगे।
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राजनीतिक विरोध और समर्थन
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को SIR के विरोध में कोलकाता में मार्च निकालने की घोषणा की है। वहीं, भाजपा के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना में SIR के समर्थन में रैली करेंगे और अवैध मतदाताओं को हटाने की मांग उठाएंगे। भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि इस अभियान के जरिए लगभग 1.20 करोड़ अवैध नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। दूसरी ओर, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य में SIR लागू करने के फैसले को चुनौती दी है।

