Sonam Raghuwanshi News: राजा रघुवंशी हत्या मामले में हर दिन नए मोड़ सामने आ रहे हैं। शिलांग पुलिस इस हाई प्रोफाइल केस की जांच के लिए इंदौर में लगातार दबिश दे रही है, जिसमें इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम भी उसका साथ दे रही है। इसी बीच एक बड़ी कामयाबी मिली है—इंदौर के इंडस्ट्रीज हाउस के पीछे स्थित एक नाले से सोनम रघुवंशी की पिस्टल बरामद की गई है। पिस्टल एक सफेद थैली में लिपटी हुई थी और पुलिस को शक है कि इसे बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर शिलोम जेम्स ने सबूत मिटाने की नीयत से फेंका था।
इंदौर से बरामद हुई पिस्टल बना अहम सुराग
पुलिस को पिस्टल के अलावा और भी कई सुराग हाथ लगे हैं। शिलोम जेम्स के घर के बाहर खड़ी एक कार और 1 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। पुलिस इस पूरे मामले में बिल्डर लोकेंद्र तोमर, शिलोम जेम्स और बलवीर से लगातार पूछताछ कर रही है। तीनों को इंदौर के क्राइम ब्रांच थाने में रखा गया है, जहां उनका आमना-सामना भी करवाया जाएगा। पुलिस को उम्मीद है कि इससे और भी गहरे राज खुल सकते हैं।
महलक्ष्मी नगर में मिली पिस्टल, लैपटॉप अब भी लापता
शिलांग पुलिस ने आज सुबह महालक्ष्मी नगर क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया, जहां पहले यह माना जा रहा था कि सोनम का लैपटॉप खोजा जा रहा है। लेकिन यहां से पिस्टल मिलने से एक और तथ्य सामने आया कि सोनम न सिर्फ पिस्टल रखती थी, बल्कि उसे प्रयोग में लाने का इरादा भी रखती थी। इससे मामले की गंभीरता और गहराई बढ़ गई है।
लैपटॉप बना जांच की सबसे अहम कड़ी
पुलिस को हवाला नेटवर्क से जुड़े कुछ इनपुट मिले हैं, जिससे सोनम रघुवंशी का लैपटॉप अब सबसे अहम सबूत माना जा रहा है। माना जा रहा है कि शिलोम ने इसे सबूत मिटाने के डर से फेंक दिया था। इस लैपटॉप में पैसों के लेनदेन, ईमेल्स और अन्य महत्वपूर्ण डिजिटल दस्तावेज़ मौजूद हो सकते हैं जो इस केस की दिशा तय कर सकते हैं।
हत्या के पीछे तांत्रिक एंगल भी आया सामने
राजा रघुवंशी के परिजनों ने मामले में तांत्रिक क्रिया का एंगल सामने लाया है और आरोप लगाया है कि राजा की हत्या किसी तंत्र-मंत्र की साजिश का हिस्सा थी। इस आरोप के बाद मामले की जांच और अधिक जटिल हो गई है।
हत्या के बाद सोनम भागकर इंदौर पहुंची
हत्या के बाद सोनम सीधे इंदौर आ गई थी और देवास नाके के पास एक फ्लैट में रुकी थी। यह फ्लैट लोकेंद्र तोमर की बिल्डिंग में था, जिसे शिलोम ने किराए पर लिया था। यहां पर बलवीर काम करता था। सोनम 30 मई से 7 जून तक वहीं रुकी रही। पुलिस तीनों आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है क्योंकि इन्हीं से इस हत्या की साजिश की परतें खुल सकती हैं।