Sonam Wangchuk Arrest: लद्दाख में बढ़ती अशांति के बीच लेह पुलिस ने शुक्रवार को जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि यह गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब वांगचुक लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ मिलकर लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
विरोध प्रदर्शन में भड़की हिंसा
लेह और कारगिल में चल रहे इस आंदोलन ने शुक्रवार को उग्र रूप ले लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें?
विरोध कर रहे संगठनों की मुख्य मांगें हैं: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।लद्दाख को छठी अनुसूची के अंतर्गत शामिल कर जनजातीय और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा की जाए।जल, जंगल और ज़मीन पर स्थानीय लोगों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं।युवाओं के लिए रोज़गार और शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएं।सोनम वांगचुक ने इससे पहले कई बार सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि लद्दाख के हितों की अनदेखी हुई तो आंदोलन तेज़ होगा।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर देशभर में प्रतिक्रिया
सोनम वांगचुक, जो अपने नवाचारी कार्यों और शिक्षा सुधार के लिए देश-विदेश में पहचाने जाते हैं, की गिरफ्तारी पर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कई सामाजिक संगठनों, छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है।दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों ने विरोध जताते हुए जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है।
छठी अनुसूची क्या है?
भारतीय संविधान की छठी अनुसूची पूर्वोत्तर राज्यों की स्वायत्तता और आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक, भूमि और प्रशासनिक अधिकारों की रक्षा करती है। लद्दाख की आबादी में भारी संख्या में जनजातीय समुदायों के होने के कारण प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इस क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया जाए, ताकि बाहरी हस्तक्षेप और संसाधनों की लूट को रोका जा सके।
क्या कहती है सरकार?
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए है और शांति बहाल करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। लद्दाख में वर्तमान हालात बेहद संवेदनशील हो चुके हैं। सोनम वांगचुक जैसे लोकप्रिय चेहरे की गिरफ्तारी ने आंदोलन को और तेज़ कर दिया है। केंद्र सरकार के सामने अब चुनौती है कि वह लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझे और संवाद के ज़रिए समाधान तलाशे।
