Vande Mataram: लोकसभा में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर हुई चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हर राष्ट्रीय प्रतीक और उपलब्धि को अपनी पार्टी के नाम से जोड़ना चाहती है। यादव ने कहा कि वंदे मातरम् किसी एक दल या व्यक्ति की संपत्ति नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की भावना और साझा विरासत है।
वंदे मातरम्: आजादी की लड़ाई का प्रेरणा स्रोत

अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि वंदे मातरम् स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणा स्रोत था। इस गीत ने भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट किया और संघर्ष की ताकत दी। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्य का उल्लेख करते हुए कहा कि जब नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने इस गीत को गाया, तो यह और भी लोकप्रिय हुआ और जल्द ही स्वदेशी आंदोलन की आवाज बन गया। यादव ने कहा कि इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा और दिशा दी।
जिन्होंने आजादी में हिस्सा नहीं लिया, वे महत्व क्या जानेंगे
सपा प्रमुख ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे हर चीज को अपने नाम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् किसी पार्टी या व्यक्ति की संपत्ति नहीं बल्कि पूरे देश की भावना है। यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, वे इस गीत का महत्व क्या समझेंगे। उनका इशारा भाजपा के वैचारिक पूर्वजों की ओर था, जिनकी स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करने वाले आज राष्ट्रवादी
अखिलेश यादव ने आगे आरोप लगाया कि कुछ लोग ऐसे थे जो आजादी के संघर्ष के दौरान अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते थे और उनकी मदद करते थे। उन्होंने कहा कि आज वही लोग खुद को सच्चा राष्ट्रवादी बता रहे हैं। यादव का कहना था कि वंदे मातरम् पर बहस केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है, जबकि इसकी मूल भावना को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस गीत का सम्मान शब्दों से नहीं, बल्कि देश के प्रति सच्चे त्याग और समर्पण से होता है।
राष्ट्रगीत किसी पार्टी की संपत्ति नहीं
यादव ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रगीत किसी एक राजनीतिक दल या व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं है। यह पूरे देश की साझी विरासत और भावना है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् का इस्तेमाल संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं होना चाहिए। सत्ता पक्ष को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय प्रतीक का सम्मान करें और उन लोगों के योगदान को कम न आंकें जिन्होंने इस गीत को अपनी प्रेरणा बनाकर देश को आजादी दिलाई।
